भक्तों के लिए क्या क्या ना किया राधा के पिया
रुक्मिणी के पिया२
मीरा ने प्रभु तुम्हें पुकारा आकर के तुमने दिया सहारा
जहर से अमृत बना दिया
राधा के पिया रुक्मिणी के पिया
भक्तों के लिए क्या क्या ना किया
द्रोपदी ने प्रभु तुम्हें पुकारा आकर के तुमने दिया सहारा
साड़ी में साड़ी बढ़ा दिया
राधा के पिया रुक्मिणी के पिया
भक्तों के लिए क्या क्या ना किया
नरसी ने प्रभु तुम्हें पुकारा आकर के तुमने दिया सहारा
चौकों पे भात भराय दिया
राधा के पिया रुक्मिणी के पिया
अर्जुन ने प्रभु तुम्हें पुकारा आकर के तुमने दिया सहारा
गीता का ज्ञान सुनाए दिया
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