मैने गौ का दान पंडित को किया
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने अन्न का दान पंडित को किया
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने गंगा यमुना त्रिवेणी नहाई
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने चारों धाम के दर्शन किए
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुए
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने बेटी का दान जमाई को दिया
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने कर्तिक महीने तुलसा सींची
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे
मैंने ग्यारस का कीर्तन कराया सखी
मैंने जोत जलाई और ध्यान धरा
तुलसा के पत्ते से भोग लगाया
फिर ग्यारस का व्रत मेरा सफल हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे