Tuesday, May 23, 2023

मन बस गयो नंदकिशोर - Man Bas Gayo Nandkishor - LYRICS -

मन बस गयो नंदकिशोर बुला लो वृंदावन में बुला लो वृंदावन मे

जमुना तट का घाट बना लो वृंदावन की धूल बना लो
मैं तो सेवा करूं हाथ जोड़ बुला लो वृंदावन में - २
मन बस गयो नंदकिशोर बुला लो वृंदावन में बुला लो वृंदावन मे

नौकर बन तेरी सेवा करूंगी, तन मन धन सब अर्पण करूंगी
में तो दर्शन करूंगी उठ भोर बुला लो वृंदावन में - २
मन बस गयो नंदकिशोर बुला लो वृंदावन में बुला लो वृंदावन मे

एक अरज प्रभु हमारी तुमसे चरणों की हमको धूल बना लो
हमें नहीं जाना कहीं और बुला लो वृंदावन में - २
मन बस गयो नंदकिशोर बुला लो वृंदावन में बुला लो वृंदावन मे

सौंप दिया ये जीवन तुमको मोहन काऊ विधि रखो हमको
हम आन पड़े तेरे द्वार बुला लो वृंदावन में - २
मन बस गयो नंदकिशोर बुला लो वृंदावन में बुला लो वृंदावन मे

Monday, May 22, 2023

झंडा लहर लहर लहराए - Jhanda Lehar Lehar Lehray - LYRICS -

झंडा लहर लहर लहराए हनुमान वीर वाला को
इनने झंडा लियो हाथ में और राम को नाम साथ में
ओहो सीता को पता लगायो, हनुमान वीर वाला को
झंडा लहर लहर लहराए हनुमान वीर वाला को

इनने झंडा लियो हाथ में और राम को नाम साथ में
ओहो उनने लंका दी है जराय, हनुमान वीर वाला को
झंडा लहर लहर लहराए हनुमान वीर वाला को

इनने झंडा लियो हाथ में और राम को नाम साथ में
ओहो लक्ष्मण के प्राण बचाए, हनुमान वीर वाला को 
झंडा लहर लहर लहराए हनुमान वीर वाला को

इनने झंडा लियो हाथ में और रघुवर लिए साथ में
ओहो सीता को लाए लिवाय, हनुमान वीर वाला को 
झंडा लहर लहर लहराए हनुमान वीर वाला को

Wednesday, May 17, 2023

मेरी चुनरी में लग गयो दाग - Meri Chunri Me Lag Gayo Daag - LYRICS -

मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया, दाग पिया दाग पिया 
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया

पांच तत्व से बनी चुनरी मन मुरख अभिमान पिया
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया

धोवत फिरूं पर दाग नहीं छूटे तन मन धन सब वार दिया
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया

सतगुरु धोबी मिले सहज में, दाग जिगर का साफ किया
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया
 
ऐसी सतगुरु ने रंगी चुनरिया झिलमिल होय पिया
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया

कहत कबीर सुनो भई साधो, भाव सागर से पार किया
मेरी चुनरी में लग गयो दाग पिया

Friday, May 5, 2023

घर धंधे में फांसी बाबरी - Ghar Dhandhe Me Fansi Babri - LYRICS -

घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे

कितनी सुंदर आंखें  दी हैं, दर्शन तक न करे बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे

कितने सुंदर कान दिए हैं, सत्संग तक न सुनो बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे

कितनी सुंदर जीभ दी है, सुमिरन तक न कियो बाबरी
तोए कैसे राम मिलेंगे
घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे

कितने सुंदर हाथ दिए हैं,  सेवा तक न करी बाबरी
दान तक न करो बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे
घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे

कितने सुंदर पैर दिए हैं, तीरथ तक न गई बाबरी
मंदिर तक न गई बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे
घर धंधे में फंसी बाबरी तोए कैसे राम मिलेंगे