Wednesday, March 31, 2021

Lagai Mose Preet - लगाई मोसे प्रीत -LYRICS -

https://youtu.be/nX6pBgbcLyE

लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

छूटे मैया छूटे बाबुल रे, छूटो मेरी छू टो मेरो छोटो सो भैया रे, लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

मिलाओ मैया मिलाओ बाबुल रे, मिलाओ मेरो छोटो सो भैया रे, लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

किधर गंगा किधर यमुना रे, किधर बेईमान के डेरा रे
लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

पूरब गंगा पश्चिम जमुना रे, बीच बेईमान के डेरा रे
लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

ले आओ स्याही ले आओ कागज रे, लिखूं बेईमान को पाती रे, पढे पाती फटे छाती रे,बाहें बेईमान के आंसू रे
लगाई मोसे प्रीत क्यों तोड़ी रे

Monday, March 29, 2021

अंगना में खेल रहे - Angna Me Khel Rahe - LYRICS-



अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी

गणपति पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
लड्डू को निगल गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


भोले पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
पिंडी से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


राम पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
चरणों से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


ब्रह्ममा पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
वेदों से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


विष्णु पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
चक्र से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


कान्हा पूजन मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
वंसी से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी


भजन करें को मैं गई मेरे पीछे पीछे बालाजी
ढोलक से लिपट गए छोटे से मेरे बालाजी
अंगना में खेल रहे छोटे से मेरे बालाजी

Sunday, March 28, 2021

देखो किसने उड़ाया गुलाल - Dekho Kisne Udaya Gulal - LYRICS


YouTube

किसने उड़ाया गुलाल लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग गणपति ने उड़ाया 

रिद्धि सिद्धि ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग भोले ने उड़ाया 

गौरा ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग विष्णु ने उड़ाया 

लक्ष्मी ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग ब्रह्मा ने उड़ाया 

ब्राह्मणी ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी

केसर रंग राम जी ने उड़ाया 

सीता ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग कान्हा ने उड़ाया 

राधा ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 

केसर रंग मैया ने उड़ाया 

भक्तो ने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी

देखो किसने उड़ाया गुलाल ...लाल भई सारी नगरी 


Saturday, March 27, 2021

तेरे दर पे खड़े - Tere Dar Pe Khade - LYRICS-


https://youtu.be/My7nwFsomTc


तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

मैं जल का लोटा लाई हूं जरा चरण धुला लो बालाजी
तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

मैं लाल लंगोट लाई हूं जरा वस्त्र पहन लो बालाजी
तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

मैं चंदन कटोरा लाई हूं जरा तिलक लगा लो बालाजी
तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

मैं बेला चमेला लाई हूं जरा माला पहन लो बालाजी
तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

मैं बूंदी के लड्डू लाई हूं जरा भोग लगा लो बालाजी
तेरे दर पे खड़े युग बीत गए मेरे संकट काटो बालाजी

Friday, March 26, 2021

उंगली झगड रहीं आपस में - Ungli Jhagad Rahi Aapas Me - LYRICS-




ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |
सुनो हमारी बात बहना सुनो हमारी बात |

पहली उंगली यो उठ बोली सुनो हमारी बात |
गोकुल में जब पानी बरसो परबत हमी उठाये | 

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |

दूजी उंगली यो उठ बोली सुनो हमारी बात |
कान्हा जी को नहलाये धुला के तिलक हमी लगाये |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |
तीजी उंगली यो उठ बोली सुनो हमारी बात |
राम चन्द्र जब दूल्हा बने थे काजल हमी लगाये |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |

चौथी उंगली यो उठ बोली सुनो हमारी बात 
भूले भटके राहगीर को रास्ता हम ही बताये |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |

पांचो अंगूठा यो उठ बोलो सुनो हमारी बात |
साजन समधी द्वार पे आये तिलक हम ही लगाये |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |

छठी हथेली यो उठ बोली सुनो हमारी बात |
कथा भागवत सुनवे जावे ताली हम ही बजाये |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |

एक पड़ोसन  यो उठ बोली सुनो हमारी बात |
एक होकर मुक्का बन जाओ दुश्मन देयो भगाए |

ऊँगली झगड़ रही उंगली से बहना सुनो हमारी बात |




Thursday, March 25, 2021

निगुरा तू गुरुमुख हो जा - Nigura Re Tu Gurumukh Ho Ja - LYRICS-


https://youtu.be/DM6rcLUUXbs


नीगुरा रे तू गुरुमुख है जा गुरु बिन ज्ञान न आवेगो

एक निगुर कंजड़ घर बंदरा नित उठ नाच नचावेगो
जब बंदरा पे नाच न आवे संटिन मार लगावेगो
नीगुरा रे तू गुरुमुख है जा गुरु बिन ज्ञान न आवेगो

एक नीगुर धोबी घाट गधा नित उठ लाड़ लादावेगो
लाद उतार पार रख दीनी घुरें गैल बतावेगो
नीगुरा रे तू गुरुमुख है जा गुरु बिन ज्ञान न आवेगो

एक निगूरा तेली घर पड़ रा नित उठ पाट चलावेगो
जब पड़ारा पे चलाओ न जावे लट्ठन मार लागावेगो
नीगुरा रे तू गुरुमुख है जा गुरु बिन ज्ञान न आवेगो

एक नीगूरा वैश्य घर जन्मा पिता को नाम न जानेघो
ढूंढ त ढूंढ़ त जन्म बीत गयो पिता को नाम न जानो है
नीगुरा रे तू गुरुमुख है जा गुरु बिन ज्ञान न आवेगो


Atithi- Ek Jaankari

*अतिथि कौन है, अतिथि को पानी पिलाना,भोजन कराना, क्यों जरूरी है जानिए 10 खास बातें*

अतिथि को मेहमान समझा जाता है। ऐसा मेहमान या आगुंतक जो बगैर किसी सूचना के आए उसे अतिथि कहते हैं। हालांकि जो सूचना देकर आए वह भी स्वागत योग्य है। 

अतिथि का शाब्दिक अर्थ परिव्राजक, सन्यासी, भिक्षु, मुनि, साधु, संत और साधक से भी है। 

अतिथि देवो भव: अर्थात अतिथि देवता के समान होता है। घर आए अतिथि को अन्य जल ग्रहण कराना क्यों जरूरी है, आओ जानते हैं।

1. घर आया मेहमान यदि जल ग्रहण नहीं कर पाता है तो इससे राहु का दोष लगता है। अतिथि को कम से कम जल तो ग्रहण कराना ही चाहिए।

2. अन्न या स्वल्पाहर कराने से जहां उस अतिथि को भी लाभ मिलता है वहीं स्वागतकर्ता को भी लाभ मिलता है।

3. गृहस्थ जीवन में रहकर पंच यज्ञों का पालन करना बहुत ही जरूरी बताया गया है। 
उन पंच यज्ञों (1. ब्रह्मयज्ञ, 2. देवयज्ञ, 3. पितृयज्ञ, 4. वैश्वदेव यज्ञ, 5. अतिथि यज्ञ।) में से एक है अतिथि यज्ञ। यह प्रत्येक का कर्तव्य है।

4. अतिथि यज्ञ को पुराणों में जीव ऋण भी कहा गया है। यानि घर आए अतिथि, याचक तथा चींटियां-पशु-पक्षियों का उचित सेवा-सत्कार करने से जहां अतिथि यज्ञ संपन्न होता हैं वहीं जीव ऋण भी उतर जाता है।

5. तिथि से अर्थ मेहमानों की सेवा करना उन्हें अन्न-जल देना। अपंग, महिला, विद्यार्थी, संन्यासी, चिकित्सक और धर्म के रक्षकों की सेवा-सहायता करना ही अतिथि यज्ञ है। इससे संन्यास आश्रम पुष्ट होता है। यही पुण्य है। यही सामाजिक कर्त्तव्य है।

6. प्रकृति का यह नियम है कि आप जितना देते हैं वह उससे दोगुना करके लौटा देती है। यदि आप धन या अन्न को पकड़ कर रखेंगे तो वह छूटता जाएगा। दान में सबसे बड़ा दान है अन्न दान। दान को पंच यज्ञ में से एक वैश्वदेवयज्ञ भी कहा जाता है।

7. गाय, कुत्ते, कौवे, चिंटी और पक्षी के हिस्से का भोजन निकालना जरूरी है, क्योंकि ये भी हमारे घर के अतिथि होते हैं।

8. किसी ऋषि, मुनि, संन्यासी, संत, ब्राह्मण, धर्म प्रचारक आदि का अचानक घर के द्वार पर आकर भिक्षा मांगना या कुछ दिन के लिए शरण मांगने वालों को भगवान का रूप समझा जाता था। घर आए आतिथि को भूखा प्यासा लोटा देना पाप माना जाता था। यह वह दौर था जबकि स्वयं भगवान या देवता किसी ब्राह्मण, भिक्षु, संन्यासी आदि का वेष धारण करके आ धमकते थे। प्राचीन काल में 'ब्रह्म ज्ञान' प्राप्त करने के लिए लोग ब्राह्मण बनकर जंगल में रहने चले जाते थे। आश्रम के मुनि उन्हें भिक्षा मांगने ग्राम या नगर में भेजते थे। उसी भिक्षा से वे गुजारा करते थे।

9. घर आए किसी भी मेहमान या आगुंतक का स्वागत सत्कार करना, अन्न या जल ग्रहण काराने से आपके सामाजिक संस्कार का निर्वहन होता है जिसके चलते मान सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।

10. अतिथियों की सेवा से देवी और देवता प्रसन्न होकर जातक को आशीर्वाद देते हैं।

*अतिथि का अर्थ* अतिथि संस्कृत का मूल शब्द है। 
इसे अंग्रेजी में गेस्ट कहते हैं और 
ऊर्दू में मेहमान। 
मालवा, निमाड़ और राजस्थान में पावणा, 
हिन्दी में अभ्यागत, आगंतुक, पाहुन या समागत कहते हैं। 
 
अतिथि का शाब्दिक अर्थ परिव्राजक, सन्यासी, भिक्षु, मुनि, साधु, संत और साधक से है। 

प्राचीन काल में अतिथि का प्रयोग प्राय: बगैर तिथि बताए आने वाले संतों या आगुंतकों से किया जाता था। 

यज्ञ के लिए सोमलता लानेवाला व्यक्ति को भी अतिथि कहा जाता था। समय आदि की सूचना दिए हुए घर में ठहरने के लिए अचानक आ पहुंचने वाला कोई प्रिय अथवा सत्कार योग्य व्यक्ति। वर्तमान में इसका अर्थ बदल गया जो कि उचित नहीं है। 

मुनि, भिक्षु, संन्यासी या ऋषि होता है अतिथि : अतिथि देवो भव: अर्थात अतिथि देवता के समान होता है। 

घर के द्वार पर आए किसी भी व्यक्ति को भूखा लौटा देना पाप माना गया है। गृहस्थ जीवन में अतिथि का सत्कार करना सबसे बढ़ा पुण्य माना गया है। 

प्राचीन काल में 'ब्रह्म ज्ञान' प्राप्त करने के लिए लोग ब्राह्मण बनकर जंगल में रहने चले जाते थे। उनको संन्यासी या साधु भी कहते थे।
 
ऋषि का पद प्राप्त करना तो बहुत ही कठिन होता है। ऋषियों में भी महर्षि, देवर्षि, राजर्षि आदि कई तरह के ऋषि होते थे। 

ये सभी समाज के द्वारा दिए गए दान पर ही निर्भर रहते थे। इनमें से सभी को प्रारंभिक शिक्षा के दौरान भिक्षा भी मांगना होती थी। उनमें से भी कई तो किसी गृहस्थ के यहां कुछ दिन आतिथ्य बनकर रहता था और उनको धर्म का ज्ञान देता था। एक गृहस्थ के लिए किसी संन्यासी का संत्संग बहुत ही लाभप्रद और पुण्यप्रद माना गया है।
 
*क्यों मानते हैं अतिथि को भगवान?* 

किसी ऋषि, मुनि, संन्यासी, संत, ब्राह्मण, धर्म प्रचारक आदि का अचानक घर के द्वार पर आकर भिक्षा मांगना या कुछ दिन के लिए शरण मांगने वालों को भगवान का रूप समझा जाता था। 

घर आए आतिथि को भूखा-प्यासा लौटा देना पाप माना जाता था। 

यह वह दौर था जबकि स्वयं भगवान या देवता किसी ब्राह्मण, भिक्षु, संन्यासी आदि का वेष धारण करके आ धमकते थे। तभी से यह धारणा चली आ रही है कि अतिथि देवों भव:।  लेकिन सि र्फ ऐसा नहीं है संन्यासी को अतिथि मानने के कारण यह धारणा है।

*अतिथि यज्ञ* गृहस्थ जीवन में रहकर पंच यज्ञों का पालन करना बहुत ही जरूरी बताया गया है। उन पंच यज्ञों में से एक है अतिथि यज्ञ। वेदानुसार पंच यज्ञ इस प्रकार हैं-1.ब्रह्मयज्ञ, 2. देवयज्ञ, 3. पितृयज्ञ, 4. वैश्वदेव यज्ञ, 5. अतिथि यज्ञ।
 
अतिथि यज्ञ को पुराणों में जीव ऋण भी कहा गया है। यानि घर आए अतिथि, याचक तथा पशु-पक्षियों का उचित सेवा-सत्कार करने से जहां अतिथि यज्ञ संपन्न होता हैं वहीं जीव ऋण भी उतर जाता है। तिथि से अर्थ मेहमानों की सेवा करना उन्हें अन्न-जल देना। अपंग, महिला, विद्यार्थी, संन्यासी, चिकित्सक और धर्म के रक्षकों की सेवा-सहायता करना ही अतिथि यज्ञ है। इसआश्रम पुष्ट होता है। यही पुण्य है। यही सामाजिक कर्त्तव्य है।

Wednesday, March 24, 2021

कहां जाओगे बांके बिहारी - Kahaan Jaaoge Baanke Bihari - LYRICS-

कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी

आगे आगे हैं बांके बिहारी पीछे हैं वृषभान दुलारी
कहीं जाने न दूंगी मुरारी होली होगी हमारी तुम्हारी
कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी

एक टोली में राधा की सखियां दूजी टोली है ग्वालों की टोली, यहां दो दो चलेंगी पिचकारी होली होगी हमारी तुम्हारी,    कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी

कहां जाओगे जाने न दूंगी गलियों में तुम्हें घर लूंगी
तेरे गालों पे रंग में लगाऊंगी होली होगी हमारी तुम्हारी
कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी

तेरे अंगों में लहंगा पहनाऊंगी तेरे सिर पे चुनरिया ओढ़ औंगी तुझे नार से बनाऊंगी नारी होली होगी हमारी तुम्हारी    कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी


Tuesday, March 23, 2021

ग्यारस बड़ी महान - Gyaras Badi Mahaan -LYRICS-


https://youtu.be/ao0CKBn2unE
ग्यारस बड़ी महान जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

जो ग्यारस के दिन सिर से नहाएं कछुआ को अवतार
कछुआ को अवतार, जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन चावल खाए कीड़ा का अवतार
कीड़ा का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन पलंग पे सोए अजगर का अवतार
अजगर का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन दूध जो पीवे नागिन का अवतार
नागिन का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन बैंगन खावे भैंसा का अवतार
भैंसा का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन घर घर फिरती कुतिया का अवतार
कुतिया का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन सास से लड़ती चंडी का अवतार
चंडी का अवतार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

ग्यारस के दिन भजन जो करता हो जाए बेड़ा पार
हो जाए बेड़ा पार जगत में ग्यारस बड़ी महान
अर्जुन सुन गीत को ज्ञान जगत में ग्यारस बड़ी महान

Monday, March 22, 2021

दौलत को करे गुमान बाबरे - Daulat Ko Kare Gumaan Babare - LYRICS-



https://youtu.be/oUobwqdqByQ

दौलत को करे गुमान बाबरे क्यों भटके दुनियां में

अरे धन दौलत और माल खजाने, एक कील संग न जाए
बाबरे क्यों भटके माया में

अरे महल तिवारे कोठी बंगला, एक ईंट संग न जाए
बाबरे क्यों भटके दुनियां में

अरे मात पिता और भाई भतीजे, कोई तेरे संग न जाए
बाबरे क्यों भटके दुनियां में

जब यमदूत लेन को आए, मात पिता न कोई बचाए
तो पे पड़े करारी मार, बाबरे क्यों भटके दुनियां में


तेरी एक न चलेगी -Teri Ek N Chalegi - LYRICS-


https://youtu.be/8CoGHvjKXks
तेरी एक न चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे

माया के चक्कर में पड़कर सारी उमर गंवाई
तेरी मेरी करके सारी उमर चले न भाई 
काया धूल में मिलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे

तेरी एक न चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे
महल अटारी मल खजाना भूल तू गर्व में आके
साथ न जाए कोई तेरे ले जाए काल उठाके
गठरी पाप की बंधेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे
तेरी एक न चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे

लाख चौरासी में भरमाया पड़ा पड़ा क्यों सोचे
अब तो बंदे थोड़ा समझ ले हरि के चरण पकड़ ले
तेरी भजन से बनेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे
तेरी एक न चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे


Sunday, March 21, 2021

फगुनवा रंग भर लायो रेे - Fagunva Rang Bhar Lagi Re - LYRICS-



फगुनवा रंग भर लायौ रे, खेलन आईं राधिका प्यारी रे

कहां से रंग मंगवाए रे, कहां से अाई राधिका प्यारी रे
कान्हा से रंग मंगवाए , बरसाने से आई राधिका प्यारी
फगुनवा रंग भर लायौ रे, खेलन आईं राधिका प्यारी रे

काहे के रंग बनवाए जी काहे की बनी पिचकारी 
टेसू के रंग बनवाए जी सोने की बनी पिचकारी
फगुनवा रंग भर लायौ रे, खेलन आईं राधिका प्यारी रे

कौन संग कान्हा होली खेलें कौन संग राधिका प्यारी 
गोपी संग कान्हा होली खेलें कान्हा संग राधिका प्यारी
फगुनवा रंग भर लायौ रे, खेलन आईं राधिका प्यारी रे

Thursday, March 18, 2021

मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी - Main Chitthiya Likh Likh Hari - LYRICS-

 https://youtu.be/GPGBogEwo6Q

मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी, कब आओगे बांके बिहारी
 नाथ कब आओगे श्याम कब आओगे

मैने है श्री राम लिखा है तेरे चरणों में प्रणाम लिखा है
मैने चिट्ठियां पे चिट्ठियां डाली 
नाथ कब आओगे श्याम कब आओगे
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी...

दू जी चिट्ठी में लिख डाला घर आओ मेरे नन्द के लाला
तेरे भक्त बाट निहारें
नाथ कब आओगे श्याम कब आओगे
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी...

अब चिट्ठी और न लिखेंगे टेलीफोन या चैट करेंगे
हम डायरेक्ट बात करेंगे
नाथ कब आओगे श्याम कब आओगे
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी...

श्याम भक्तों को भूल न जाना दुनिया मारेगी ताना
हंसी होगी जग में तुम्हारी
नाथ कब आओगे श्याम कब आओगे
मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी...

Wednesday, March 17, 2021

गुरु तो मुझे वही चाहिए - Guru To Mujhe Vahi Chahiye - LYRICS-

https://youtu.be/ijbIyNRZ9Nc

गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

ऋद्धि मुझे चाहिए सिद्धि मुझे चाहिए
गणपति मुझे वही चाहिए, विघ्नों को हरने वाला
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

राम मुझे चाहिए लक्ष्मण मुझे चाहिए
हनुमत मुझे वही चाहिए संकट काटने वाला
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

जिठनी मुझे चाहिए नन्द मुझे चाहिए
सास मुझे वही चाहिए घर वर सौंपने वाली
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

जब जेठ मुझे चाहिए ससुर मुझे चाहिए
देवर मुझे वही चाहिए होली का खिलवैया
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

बेटा मुझे चाहिए। नाती मुझे चाहिए
बेटी तो मुझे वही चाहिए लाज बचाने वाली
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

कुटुंब मुझे चाहिए परिवार मुझे चाहिए
पति तो मुझे वही चाहिए सुख दुख बांटने वाला
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

सखी मुझे चाहिए सहेली मुझे चाहिए
पड़ोसन मुझे वही चाहिए प्रेम भाव रखने वाली
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला

मेरे बन जाएं बिगड़े काम - Mere Ban Jaayen Bigde Kaam - LYRICS-

https://youtu.be/HAdYXpkNRfA

मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से

मेरी बगिया देवा सूनी पड़ी हैं 
मेरी बगिया ने खिल जाएं फूल
गजानन तेरे आने से
मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से

मेरी गलियां देवा सूनी पड़ी हैं
मेरी गलियों में मच जाए धूम
गजानन तेरे आने से
मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से

मेरा अंगना देवा सूना पड़ा है
मेरे अंगना में आए बहार
गजानन तेरे आने से
मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से

मेरा मंदिर देवा सूना पड़ा है
मेरे मंदिर में जल जाए जोत
गजानन तेरे आने से
मेरे बन जाएं बिगड़े काम गजानन तेरे आने से

Tuesday, March 16, 2021

तूने मस्त बनाया भगवान - Tune Mast Banaya Bhagvaan - LYRICS-

तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

भोले भी खेलें होली गौरा भी खेलें
कैलाश पे उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

ब्रह्मा भी खेलें होली ब्राह्मणी भी खेलें
ब्रह्माण्ड में उड त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

विष्णु भी खेलें होली लक्ष्मी भी खेलें
बैकुंठ में उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

राम भी खेलें होली सीता भी खेलें 
अयोध्या में उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

कृष्ण भी खेलें होली राधा भी खेलें
बरसाने में उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

सतगुरु भी खेलें होली मैया भी खेलें
मंदिर में उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

हम भी खेलें होली तुम भी खेलो
मेरे अंगना में उड़ त गुलाल महीना फागुन का
तूने मस्त बनाया भगवान महीना फागुन का

Monday, March 15, 2021

उड़ रयो रंग गुलाल - Ud Rayo Rang Gulal - LYRICS-

उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को ब्रहम्मा जी आए ब्रह्म्मा जी आए 
संग ब्राह्मणी जी भी आयिं बिंदिया हो गई लाल
श्याम तेरी होरी में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को विष्णु जी आए विष्णु जी आए
संग लक्ष्मीजी भी आयीं नथनी हो गई लाल
श्याम तेरी होरी में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को भोले जी आए भोले जी आए
संग गौरा जी भी आयों चुनरी हो गई लाल
श्याम तेरी होरी में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को राम जी आए राम जी आए 
संग सीता जी भी आईं हरवा हो गया लाल
श्याम तेरी होरी में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को राधा जी आईं राधा जी आईं
सारी सखियों को लाईं तन मन हो गयों लाल
श्याम तेरी होरी में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

होली खेलन को सदगुरू जी आए सदगुरू आए
सारी संगत को लाए सुध बुध गए हैं भूल 
श्याम तेरी भक्ति में
उड़ रायो रंग गुलाल श्याम तेरी होरी में

Sunday, March 14, 2021

तेरे बिन श्याम हमारो नाय कोई - Tere Bin Shyam Hamari Naay Koi - LYRICS-

https://youtu.be/nn7dkocvvug

तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई
हमारी नाय कोई सहरो नाय कोई

गहरी गहरी नदिया नाव पुरानी
डूबन लागी नैया बचैया नाय कोई
तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई

अंबुआ की डाली पे पिंजरा डारो
उड़ gayo सुआ रुकैया नाय कोई
तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई

कहट कबीर सुनो भाई साधो
गुरु बिन ज्ञान बतैया नाय कोई
तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई

जा दिन से तेरी शरण में आई
तुम जैसो लाड़ लड़ैया नाय कोई
तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई

घर घर में तेरी आरती गाऊं
सब सखियां संग सत्संग जाऊं
तुम जैसो साथ दिवैया नाय कोई
तुम बिन श्याम हमारो नाय कोई

बरसाने आज मची है होरी - Barsaane Aaj Machi hai hori - LYRICS-

https://youtu.be/Og1WSKckSdU

बरसाने आज मची है होरी बरसाने

कित सो आए कृष्ण kanahiyaa
किट सो आईं राधा गोरी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


नन्द गांव के कृष्ण kanahiya
बरसाने की राधा गोरी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


उड़त गुलाल लाल भाए बादर
मार त है भर भर पिचकारी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


बजट ढोल मृदंग झांझ ढप
और मंजीरान की जोड़ी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने

 

बरसाने आज मची है होरी - Barsaane Aaj Machi hai hori - LYRICS-

बरसाने आज मची है होरी बरसाने

कित सो आए कृष्ण kanahiyaa
किट सो आईं राधा गोरी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


नन्द गांव के कृष्ण kanahiya
बरसाने की राधा गोरी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


उड़त गुलाल लाल भाए बादर
मार त है भर भर पिचकारी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने


बजट ढोल मृदंग झांझ ढप
और मंजीरान की जोड़ी बरसाने
बरसाने आज मची है होरी बरसाने

 

Saturday, March 13, 2021

राम भजन करो प्राणी - Ram Bhajan Karo Prani - LYRICS-

राम भजन करो प्राणी ये काया तेरी हो गई पुरानी
हो गई पुरानी ये हो गई पुरानी  राम...


इस काया को मल मल धोया साबुन तेल और सेंट लगाया
मां के अभिमानी ये काया...
राम भजन करो प्राणी ये काया तेरी हो गई पुरानी

इस काया की राख बनेगी उस पर हरी हरी घास उगेगी
पशु चरें मनमानी ये काया...
राम भजन करो प्राणी ये काया तेरी हो गई पुरानी

तुलसीदास आस रघुवर की आस नहीं है पल छन भर की
मां ले अज्ञानी  ये काया...
राम भजन करो प्राणी ये काया तेरी हो गई पुरानी

Thursday, March 11, 2021

मेरे माटी के मटके - Mere Mati Ke Matke - LYRICS-

मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
राम नाम बोल हारी का नाम बोल

कूट पिट के तू आया जगत में, पिछली हंसी टटोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल

जैसी करनी वैसी भरनी, इसमें प्रभु का क्या दोष
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल

उपर से तू चिकना चूपडा, अंदर भरी है तेरी पोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल

जब जाएगा हरि के द्वारे, वहीं खुलेगी तेरी पोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल

कहत कबीर सुनो भाई साधो,अंदर की आंखें खोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल

महाशिवरात्रि पर मंत्रों का विशेष महत्व

*महाशिवरात्रि पर मंत्रों का विशेष महत्व:*

●   *शिक्षा प्राप्ति के लिए:*

शिक्षा प्राप्ति हेतु एवं प्रतियोगिता में सफलता के लिय छात्रों को या उनके अभिभावक को भगवान शिव का मन्त्र *ॐ रुद्राय नमः का 108 बार रुद्राक्ष के माला पर जाप* करना चाहिए।*

●   *शादी विवाह वैवाहिक जीवन में अड़चन के निवारण हेतु:* 

*भगवान शिव को कुमकुम हल्दी अबीर गुलाल चढ़ाएं और "ॐ गौरी शंकराए नमः" का जाप 108 बार रुद्राक्ष की माला पर करें उन्हें लाभ होगा।* 

●   *स्वास्थ्य लाभ के लिए:* 

*जो लोग लगातार बीमार रहते हैं या कोई भी दवाई काम नहीं कर रही है तो ऐसी स्थिति में आपके घर में या देवालय में भगवान शिव का अभिषेक गिलोय से कीजिए और " ॐ सोमेश्वराय नमः "  का जाप करें।*

●   *नौकरी के लिए:* 
  
*भगवान शिव का अभिषेक गंगा जल में काला तिल डाल का अभिषेक करें और घी शहद शक्कर चढ़ाएं। इसके बाद " ॐ नीलकण्ठाय नमः " का जाप करें निश्चित तौर पर सफलता प्राप्त होगी।* 

●   *व्यापार में सफलता हेतु:* 

*व्यापार में लगातार संघर्ष, असफलता और हानि हो रही है तो ऐसी स्थिति में भगवान शिव का अभिषेक दूध में केसर डालकर करें। बेलपत्र चढ़ाए और "ॐ सर्वेशेवराय नमः" का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें लाभ होगा।* 

●   *कला, मीडिया, ज्योतिष या चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग:* 

*भगवान शिव का अभिषेक शहद से और बेलपत्र जरूर समर्पित करें। " ॐ नटेश्वराय नमः " का जाप यथा शक्ति करें।*

जमन जल बरसे हाय - Jaman Jal Barse Hii - LYRICS-

जमन जल बरसे हाय धीरे धीरे
जमन जल बरसे जमन जल बरसे
चूनर मेरी भीगे हाय धीरे धीरे
Chunar मेरी भीगे -२
पैर मेरो रपटे हाय धीरे धीरे
पैर मेरो रपटे-२
सास मोए मारे हाय धीरे धीरे
सास मोए मारे सास मोए मारे
नन्द पिट वावे हाय धीरे धीरे
नन्द पिटवावे २
छज्जे पे थाडो देखे हाय धीरे धीरे
छज्जे पे ठादो देखे २
तरस नाय आवे हाय धीरे धीरे
तरस नाय आवे २
पीहर को चली जाऊंगी हाय धीरे धीरे
पीहर को चली जाऊंगी २
वहीं पे बुलवाए लाऊं हाय धीरे धीरे
वहीं पे बुलवाए लाऊं २ 
भैया से पिटवाय दौं हाय धीरे धीरे
भैया से पिटवाई दौं २
छज्जे पे थाडी देखूं हाय धीरे धीरे
छज्जे पे ठाड़ी देखूं २
तरस मोए आवे हाय धीरे धीरे
तरस मोए आवे २ 
पिया को मत मारो हाय धीरे धीरे
पिया को मत मारो २
पिया के लगा जाएगी हाय धीरे धीरे२
जमन जल बरसे हाय धीरे धीरे

Monday, March 8, 2021

सत कर बोलो - Sat Kar Bolo - LYRICS-

सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को

ग्यारस के दिन कपड़े धोती जल में मैल बहा देती
या करनी से बनी है मछली पेट पकड़ लिया वो रोती
सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को



ग्यारस के दिन चौका देती और दीवाल व झाडे
या करनी से बनी मकड़ी जाल पूरती वो फिरती
सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को


आए गए का आदर न करती भूखे को भोजन न देती
या करनी से बनी है कूतिया घर घर झांकत वो फिरती
सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को


सूरज के ताने कुल्ला करता टेक पराई वो नारी
या करनी से बना है कोढ़ी दर दर मारा वो फिरता
सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को


आए गए का आदर करती भूखे को भोजन देती
या करनी से बनी है राधिका श्री कृष्ण संग वो रहती
सत कर बोलो सत कर बोलो सत की पौढ़ी चढ़ जैयो
हरि भजन बिन मुक्ति न होवे व्रत करो एकादशी को

Sunday, March 7, 2021

ऐसी क्या ले लई मोल - Asi Kya Le Layi Mol - LYRICS-

ऐसी क्या ले लयी मोल हो मोल जाऊंगी भोले पीहर को
मत जावे गौरा पीहर को जाऊंगी भोले पीहर को
ऐसी क्या के ली....


तू क्यों न गौरा मां रही पीहर जाने की ठान रही
तू सनले मेरी बात हो बात मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...

जो बिना बुलाए जाते हैं वो मान कभी न पाते हैं 
तेरो जानो है बेकार हो बेकार मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...

भोले माई बाप की लाड़ली मेरी सब बहनों में प्रीत बढ़ी
मिल आऊं माई बाप ही बाप जाऊंगीभोले पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...

गौरा तेरी आदत मैने जानी है तेने एक कहीं न मानी है
मेरो थर थर कांपे शरीर शरीर मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...

न मानो तो गौरा जाय देखो कोई मेट सके न कर्मन लेखो
तोए होनी रही बुलाए बुलाए मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...

Friday, March 5, 2021

भोले संग ब्याह न करीयो - Bhole Sang Byah N Kariyo - LYRICS-

https://youtu.be/y9DvRc9Z6yg
अरे मैं तोए समझाए रही भोले संग ब्याह न करियों लली

ये भोला पर्वत को वासी तुम चढ़त चढ़्त थक जैयो लली
अरे मैं तोए समझाए रही भोले संग ब्याह न करियों लली

ये भोला भांगण को पिबैया तुम पिसत पीसत नार जइयो लाली
ये भोला पर्वत को वासी तुम चढ़त चढ़्त थक जैयो ललि

ये भोला नागन को रखिया तुम डरत दरत नार जइयो लाली
ये भोला पर्वत को वासी तुम चढ़त चढ़्त थक जैयो ललि

ये भोला डमरू का बजैया तुम नचत नचात मर जैयों लाली
ये भोला पर्वत को वासी तुम चढ़त चढ़्त थक जैयो ललि

Wednesday, March 3, 2021

भोले पी गए भंगिया - Bhole Pi Gaye Bhangiya - LYRICS-


https://youtu.be/9NQdhP3hdik
गौरा घोंट घोंट के हारी भोले पी गए भंगीया
पी गए भांगीया हो भोले पी गए भङीया
गौरा ....

ब्रह्मा घोंटे विष्णु घोंटे और घोंटे महादेवा
वीणा बजाते नारद घोंटे घोंटे चारों देवा
घोंटें राधा के सांवरिया  पी गए भङीया


ब्रह्मा पी लाई विष्णु पी ली और पी ली महादेवा
वीणा बजाते नारद पी ली पी लाई चारों देवा
पी ली राधा के सांवरिया  पी गए भङीया

ब्रह्मा चढ़ गई विष्णु चढ़ गई और चढ़ गई महादेवा
वीणा बजाते नारद चढ़ गई चढ़ गई चारों देवा
चढ़ गई राधा के सांवरिया  पी गए भङीया

ब्रह्मा नाचें विष्णु नाचें और नाचें महादेवा
वीणा बजाते नारद नाचें नाचें चारों देवा
नाचें राधा के सांवरिया  पी गए भङीया

ब्रह्मा उतरी विष्णु उतरी और उतरी महादेवा
वीणा बजाते नारद उतरी उतरी चारों देवा
उतरी राधा के सांवरिया  पी के भङीया

डम डम डमरू वाला - Dam Dam Damroo Vala-LYRICS -

डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

महलों वाला न लूंगी में बंगले वाला न लूंगी
बालम में तो वहीं लूंगी कैलाश पर्वत वाला
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

Hat वाला न लूंगी मैं कैप वाला न लूंगी
बालम मै तो वहीं लूंगी काली जटाओं वाला
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

सूट वाला न लूंगी मैं टाई वाला न लूंगी
बालम मै तो वहीं लूंगी ओढ़े बाघाम्बर छाला
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

कॉफी वाला न लूंगी मैं चाय वाला न लूंगी
बालम। मैं तो वहीं लूंगी लिए भांग का प्याला
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

माला वाला न  लूंगी मैं हार वाला न लूंगी
बालम मैं तो वहीं लूंगी काले सर्पों वाला
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

मोटर वाला न लूंगी मैं बाइक वाला न लूंगी
बालम मैं तो वहीं लूंगी नन्दी पे असवार
डम डम डमरू वाला में बालम वहीं लूंगी

Tuesday, March 2, 2021

अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए - Are Mene Bahut Hi Dukhde Uthaaye - LYRICS-

Youtube
YouTube: https://youtu.be/xgEdCr3XiWM

अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने राणा के महल छोड़े कान्हा तेरे प्यार में
अरे में वृंदावन में आ गई कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने माथे की बिंदिया छोड़ी रे कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने चंदन तिलक लगाया कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने सोने का हरवा छोड़ा के अन्हा तेरे प्यार में 
अरे मैने तुलसी की माला पहनी  कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने सोने के कंगन छोड़े कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने एकतारा के लीना कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने पैरों की पायल छोड़ी कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने पैरों में घुंघरू बांधे कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

मैने रेशम साड़ी छोड़ी कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने भगवा साड़ी पहनी कान्हा तेरे प्यार में
अरे मैने बहुत ही दुखड़े उठाए कान्हा तेरे प्यार में

Monday, March 1, 2021

कर सोलह सिंगार - Kar Solah Singaar - LYRICS-

https://youtu.be/EaBA-Fq2zSY

कर सोलह सिंगार मां गौरा बैठी डोली में

छोड़ चली सब सखी सहेली, भोले संग चल पड़ी अकेली
वो तो कर रही सोच विचार   मां गौरा बैठी डोली में
कर सोलह सिंगार मां गौरा बैठी डोली में

चले कहार उठा के डोला, आगे आगे शंकर भोले
नन्दी पे असवार  मां गौरा बैठी डोली में
कर सोलह सिंगार मां गौरा बैठी डोली में

झूमें सर्प आज लेहरा के, नाचें भूत भी धूल उड़ा के
कैसी हो रही है  जय जय कार  मां गौरा बैठी डोली में
कर सोलह सिंगार मां गौरा बैठी डोली में

कहें भक्त तेरे किस्मतवाला ब्याह भोले का बड़ा निराला
दंग है सारा संसार  मां गौरा बैठी डोली में
कर सोलह सिंगार मां गौरा बैठी डोली में