आगे आगे हैं बांके बिहारी पीछे हैं वृषभान दुलारी
कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी
एक टोली में राधा की सखियां दूजी टोली है ग्वालों की टोली, यहां दो दो चलेंगी पिचकारी होली होगी हमारी तुम्हारी, कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी
कहां जाओगे जाने न दूंगी गलियों में तुम्हें घर लूंगी
तेरे गालों पे रंग में लगाऊंगी होली होगी हमारी तुम्हारी
कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी
तेरे अंगों में लहंगा पहनाऊंगी तेरे सिर पे चुनरिया ओढ़ औंगी तुझे नार से बनाऊंगी नारी होली होगी हमारी तुम्हारी कहां जाओगे बांके बिहारी होली हागी हमारी तुम्हारी
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