मत जावे गौरा पीहर को जाऊंगी भोले पीहर को
ऐसी क्या के ली....
तू क्यों न गौरा मां रही पीहर जाने की ठान रही
तू सनले मेरी बात हो बात मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...
जो बिना बुलाए जाते हैं वो मान कभी न पाते हैं
तेरो जानो है बेकार हो बेकार मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...
भोले माई बाप की लाड़ली मेरी सब बहनों में प्रीत बढ़ी
मिल आऊं माई बाप ही बाप जाऊंगीभोले पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...
गौरा तेरी आदत मैने जानी है तेने एक कहीं न मानी है
मेरो थर थर कांपे शरीर शरीर मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...
न मानो तो गौरा जाय देखो कोई मेट सके न कर्मन लेखो
तोए होनी रही बुलाए बुलाए मत जावे गौरा पीहर को
ऐसी क्या के लयी मोल...
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