राम नाम बोल हारी का नाम बोल
कूट पिट के तू आया जगत में, पिछली हंसी टटोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
जैसी करनी वैसी भरनी, इसमें प्रभु का क्या दोष
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
उपर से तू चिकना चूपडा, अंदर भरी है तेरी पोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
जब जाएगा हरि के द्वारे, वहीं खुलेगी तेरी पोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
कहत कबीर सुनो भाई साधो,अंदर की आंखें खोल
मेरे माटी के मटके तू राम नाम बोल
No comments:
Post a Comment