मैने तेरे भरोसे गुरुदेव सागर में नैया डार दई
अरे काहे की तो नाव बनाई काहे की पतवार
जाने काहे की लगी जंजीर
सागर में नैया डार दई
हृदय की तो नाव बनाई काया की पत वार
हो जामे सांसों की डारी जंजीर
सागर में नैया डार दई
कौन नाव में बैठनहारे कौन है खेवनहार
हो जाको कौन लगावे बेड़ा पार
सागर में नैया डार दई
संगत नाव में बैठन हारे सत्संग खेवनहार
हो जाको गुरुजी लगावें बेड़ा पार
सागर में नैया डार दाई
लाल चुनरिया ओढ़ के में तो जाऊं गुरु के पास
हो मेरो जन्म सफल है जाय
सागर में नैया डार दई