दो राम को चढ़ाऊंगी दो श्याम को चढ़ाऊंगी
राम रमैया कृष्ण kanahiya दोनो को मनाऊंगी
दो राम को...
निश दिन फेरू राम की माला राम की माला श्याम की माला
एक चंद्र है एक सूर्य है दोनो जग में करें उजाला
राम रमैया कृष्ण kanahiya दोनो को मनाऊंगी
दो राम को...
एक भीलनी के बेर चबावे माखन ब्रज से एक चुरावे
एक रामायण के नायक हैं एक गीता के छंद रचावे
राम रमैया कृष्ण kanahiya दोनो को मनाऊंगी