ओढ़ो ओढ़ो सुहागन नार चुनरिया सतरंगी
ये चुनरिया ऋद्धि सिद्धि ने ओढ़ लाई
गणपति मिले भर्तार
चुनरिया सतरंगी
इसी तरह से सभी के बारे में कहना है
ओढ़ो ओढ़ो सुहागन नार चुनरिया सतरंगी
ये चुनरिया ऋद्धि सिद्धि ने ओढ़ लाई
गणपति मिले भर्तार
चुनरिया सतरंगी
इसी तरह से सभी के बारे में कहना है
जरा इतना बता दे गंगे मा तू धरती पे कैसे आयी
अरे कौन र तुमको लेकर आया कहां किया विश्राम
तू धरती पे कैसे आयी
भागीरथ तो मुझे लेकर आए शिव जाता में किया विश्राम में धरती पे ऐसे अाई
तू धरती पे कैसे आयी
अरे कौन तो गंगे तुमरी पूजा करता है और कौन करे स्नान।
तू धरती पे कैसे आयी
अरे राजा प्रजा मेरी पूजा करते हैं ऋषि मुनि कारे स्नान
में धरती पे ऐसे अाई
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
ब्राह्ममा ने तुम्हें मनाया विष्णु ने तुम्हें मनाया
नारद ने नारद ने तुम्हें मनाया वीणा बजा बजा के
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
गणपति ने तुम्हें मनाया गौरा ने तुम्हें मनाया
भोले ने भोले ने तुम्हें मनाया डमरू बजा बजा के
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
राम ने तुम्हें मनाया लक्ष्मण ने तुम्हें मनाया
सीता ने सीता ने तुम्हें मनाया भोजन खिला खिला के
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
राधा ने तुम्हें मनाया रुकमिणी ने तुम्हें मनाया
कृष्ण ने कृष्ण ने तुम्हें मनाया वंशी बजा बजा के
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
सात गुरु ने तुम्हें मनाया मैया ने तुम्हें मनाया
भक्तों ने भक्तों ने तुम्हें मनायताली बजा बजा के
बजरंगी तुम्हें मनाऊं सिंदूर लगा लगा के
तार से तार मिला के देख लो ना जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो
चिट्ठी दाली मीरा ने जवाब आया था ज़हर के प्याले में वो भगवान पाया था मीरा जैसी लगन लगा के देख लो
न जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो...
चिट्ठी डाली द्रौपदी ने जवाब आया था साड़ी के पल्लू में
वो भगवान पाया था द्रौपदी जैसी लगन लगा के देख लो
न जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो...
चिट्ठी डाली रामा ने जवाब आया था भात के चौकों पे वो भगवान पाया था रामा जैसी लगन लगा के देख लो
न जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो...
चिट्ठी डाली हरिश्चन्द्र ने जवाब आया था पानी की गगरी में वो भगवान पाया था हरिश्चन्द्र जैसी लगन लगा के देख लो
ना जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो...
चिट्ठी डाली मोरध्वज ने जवाब आया था लोहे के आरे में
वो भगवान पाया था मोरध्वज जैसी लगन लगा के देख लो
ना जाने तो कोई चिट्ठी डाल देख लो...
मन के बधाए तुझे जाने ना दूंगी
दिल के बधाए तुझे जाने ना दूंगी
माथे की बिंदिया छूटन नहीं दूंगी
मांग का सिंदूर छुटन नहीं दूंगी
छूटने से पहले पहले और लगा लूंगी
मन के बधाए...
हाथों की मेहंदी छूटन नहीं दूंगी
हाथों की चूड़ी टूटन नहीं दूंगी
टूटने से पहले पहले और मंगा लूंगी
मन के बधाए...
पैरों का महावर छूटन नहीं दूंगी
पैरों के बिछुए टूटन नहीं दूंगी
छूटने से पहले पहले और लगा लूंगी
मन के बधाए...
अंगों की सारी फटन नहीं दूंगी
सिर की चुनरिया फटन नहीं दूंगी
फटने से पहले पहले और मंगा लुंगी
मन के बधाए...
जोड़ी का साजन रूठन नहीं दूंगी
रूठने से पहले पहले मै तो मना लूंगी
मन के बधाए...
गोदी का लालन रोवन नहीं दूंगी
रोने से पहले पहले चुप करा लूंगी
मन के बधाए...
ओढ़ चुनरिया लाल मैं जाऊं इस दुनियां से
माथे पे चमके लाल लाल बिंदिया सिंदूर भारी हो मांग
मैं जाऊं इस दुनियां से
हाथों में चमके लाल लाल चूड़ी मेहंदी लगी हो हाथ
मैं जाऊं इस दुनियां से
पैरों में चमके प्यारे प्यारे बिछिए माहवार लगा हो लाल
मैं जाऊं इस दुनियां से
अंगों में चमके लाल लाल साड़ी मेरे सर पे सजी हो चुनरी लाल
मैं जाऊं इस दुनियां से
कंधा देंबें नाती बेटा आगे चले भरतार
तेरा जगराता हमने कराया है मां मंदिर सजाया है मां
ये बता दो बता दो ये बता दो पूजा में कोई कमी तो नहीं
कमी तो नहीं। तेरा जगराता...
तेरी किरपा से में की जगी भवन आज बरसों की पूरी
हुई मनो कामना तेरी भेेंटे हम लेके आए हैं मां
मंदिर सजाया है मां ये बता दो पूजा में कोई कमी तो नहीं कमी तो नहीं। तेरा जगराता...
हमको देना जमाने की खुशियां सभी मेरे घर से न जाना
मैया कभी तेरे भक्तों ने गुण तेरा गया है मां
मंदिर सजाया है मां ये बता दो बता दो ये बेटा दो
पूजा में कोई कमी तो नहीं कमी तो नहीं
तेरा जगराता हमने ...