कहां पे रहती कहां पे चुगती कहां करती किलोल
मेरे मोहन चुगत फिरुं गलियों में
मथुरा रहती वृंदावन चुगती गोकुल करती किलोल
मेरे मोहन चुगत फिरुं गलियों में
गोवर्धन को गोल चौंतरा बैठती पंख मरोर
मेरे मोहन चुगत फिरुं गलियों में
उड़ उड़ पंख गिरे धरती पे वीनात नन्द किशोर
मेरे मोहन चुगत फिरुं गलियों में
बिन पंख को मुकुट बानायो पहनत नन्द किशोर
ReplyDeleteमेरा नाम क्या हैएक बार गूगल से पूछ के तो देखिये
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Ashwagandha Ki Khetiअश्वगंधा की खेती अपनाएं, गरीबी दूर भगाएं
Meri Fasal Mera Byora
Aarug Kalsaइस नवरात्री पर इस जसगीत को ज़रूर सुने