पलकों से बिसारी न जाय हरी को तुलसा प्यारी लगे
कै तुलसा तुम सांचे में धारी कै गढ़ लाया सुनार
हरि को तुलसा प्यारी लगे नैनो से...
न कान्हा हम सांचे में ढाले और न गढ़ लायो सुनार
हरी को तुलसा प्यारी लगे नैनों से...
जन्म दिया मेरे मैया बाप ने रूप दिया भगवान
हरी को तुलसा प्यारी लगे नैनो...
जो तुलसा तुम पीहर को जाओगी हम भी चलेंगे तुमरे साथ
हरी को तुलसा प्यारी लगे नैनो से...
जो कान्हा तुम संग चलोगे हंसी करे संसार
हरी को तुलसा प्यारी लगे नैनो से...
हंसी करे तो हमारा क्या करेंगे हम हैं पुरुष तुम नार