अंगना में तुलसा लगाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
रोज सवेरे जल में चढ़ाऊंगी, कुमकुम रोली का तिलक लगाऊंगी
पुष्पों की माला पहनाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
अंगना में तुलसा लगाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
लाल लाल बिंदिया, लाल लाल चुनरी सोलह श्रृंगार कराऊंगी
हरी दर्शन मैं पाऊंगी
अंगना में तुलसा लगाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
जोत जलाऊंगी, भोग लगाऊंगी आरती मंगल गाऊंगी
हरी दर्शन मैं पाऊंगी
अंगना में तुलसा लगाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
सांझ सवेरे दर्शन पाऊंगी, चरणों में मैया के शीश नवाऊंगी
अटल सुहाग मैं पाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
अंगना में तुलसा लगाऊंगी, हरी दर्शन मैं पाऊंगी
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