*प्रथम महीना चैत से गिन*
*राम जनम का जिसमें दिन।।*
*द्वितीय माह आया वैशाख।*
*वैसाखी पंचनद की साख।।*
*ज्येष्ठ मास को जान तीसरा।*
*अब तो जाड़ा सबको बिसरा।।*
*चौथा मास आया आषाढ़।*
*नदियों में आती है बाढ़।।*
*पांचवें सावन घेरे बदरी।*
*झूला झूलो गाओ कजरी।।*
*भादौ मास को जानो छठा।*
*कृष्ण जन्म की सुन्दर छटा।।*
*मास सातवां लगा कुंआर (आश्विन)।*
*दुर्गा पूजा की आई बहार।।*
*कार्तिक मास आठवां आए।*
*दीवाली के दीप जलाए।।*
*नवां महीना आया अगहन।*
*सीता बनीं राम की दुल्हन।।*
*पूस मास है क्रम में दस।*
*पीओ सब गन्ने का रस।।*
*ग्यारहवां मास माघ को गाओ।*
*समरसता का भाव जगाओ।।*
*मास बारहवां फाल्गुन आया।*
*साथ में होली के रंग लाया।।*
*बारह मास हुए अब पूरे।*
*छोड़ो न कोई काम अधूरे।।*
सभी साथियों को नव वर्ष विक्रमी संवत 2078 की हार्दिक मंगलकामनाएं।