तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
तेरो मोर मुकुट मंगवाए दूंगी तेरे माथे पे सजवाय दूंगी
संग केसर खूब लगाए दूंगी। काजर....
तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
तेरे हीरे के हार मंगवा दूंगी तेरे गले में सज्वाय दूंगी
हीरे मोती जड़वाय दूंगी। काजर...
तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
तेरा पीला पीताम्बर मंगवाए दूंगी वामे गोटा में लगवाए
दूंगी तेरे कांधे पे साजवाय दूंगी। काज़र.....
तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
तेरी चांदी कि पायल ला दूंगी वामे घुंघरू मैं लगवाए दूंगी
तेरे पैरों में सज्वाए दूंगी। काज़ार......
तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
तोए बरसाने बुलबाय लूंगी राधा से तोए मिलवा दूंगी
तेरो राधा संग ब्याह करा दूंगी। कजरा.....
तोए कब से श्याम पुकार रही कजरा डरवाय ले
अंखियां में
लिरिक्स के साथ एक दो इमेज डाला करो तो एडसेंस अप्रूवल भी मिल जाएगा, नमस्ते
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