जब मैं जाऊं पनिया भरण को ये घर में घुस जावे
माखन खावे मटकी फोड़े उधम खूब मचावे
ये तो धोखे से करे है मैया घात
चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना
सब ग्वाले याके रहे साथ में चले बना के टोली
जब ग्वालिन कोई मिले अकेली करता खूब ठिठोली
ये तो माने न काऊ की मैया बात
चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना
एक दिन जाने कुंज गालों में बाएं मेरी झटकी
मेरे सिर पे धरी हुई थी दही मक्खन की मटकी
या से पेश न हमारी कछु खात
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