Tuesday, October 25, 2022

तरेगा वही जिसके मन में - Tarega Vahi Jiske Man Me - LYRICS -

तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है जिसके मन में हरी है तरेगा वही...

गंगा नहाने से कौन कौन तर गया, मछली क्यों न तर गई
जिसका गंगा में घर है तरेगा वही...

चंदन लगाने से कौन कौन तर गया, सर्प क्यों न तर गया जिसका चंदन में घर है तरेगा वही...

फूल चढ़ाने से कौन कौन तर गया, भंवरा क्यों न तर गया
जिसका फूलों में ही घर है तरेगा वही...

भोग लगाने से कौन कौन तर गया, मक्खी क्यों न तर गई
जिसका मीठे में घर है तरेगा वही...

पूजा करने से कौन कौन तर गया, पंडित क्यों न तर गया
जिसका मंदिर में घर है तरेगा वही...

1 comment:

  1. Pandit Bhairav Ji is well known for his excellence in the field of Astrology.
    Astrologer in New York

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