मन में हरी है जिसके मन में हरी है तरेगा वही...
गंगा नहाने से कौन कौन तर गया, मछली क्यों न तर गई
जिसका गंगा में घर है तरेगा वही...
चंदन लगाने से कौन कौन तर गया, सर्प क्यों न तर गया जिसका चंदन में घर है तरेगा वही...
फूल चढ़ाने से कौन कौन तर गया, भंवरा क्यों न तर गया
जिसका फूलों में ही घर है तरेगा वही...
भोग लगाने से कौन कौन तर गया, मक्खी क्यों न तर गई
जिसका मीठे में घर है तरेगा वही...
पूजा करने से कौन कौन तर गया, पंडित क्यों न तर गया
जिसका मंदिर में घर है तरेगा वही...
Pandit Bhairav Ji is well known for his excellence in the field of Astrology.
ReplyDeleteAstrologer in New York