न तोपे ईंट और न गारो, गुरूजी तेने कैसे जगत बनायो
तेरी माया को पार न पायो
गुरूजी तेने कैसौ खेल रचायो, तेरी माया को पार न पायो
न तोपे हड्डी न तोपे मांस, गुरूजी तेने कैसे मानस बनायों
तेरी माया को पार न पायो
गुरूजी तेने कैसौ खेल रचायो, तेरी माया को पार न पायो
न तोपे बेटी न तोपे बेटा गुरूजी तेने कैसे मोह बनायो
तेरी माया को पार न पायो
गुरूजी तेने कैसौ खेल रचायो, तेरी माया को पार न पायो
न तोपे दिया न तोपे बाती, गुरूजी तेने कर दियो जगत उजालो
तेरी माया को पार न पायो
गुरूजी तेने कैसौ खेल रचायो, तेरी माया को पार न पायो
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