Sunday, June 21, 2020

Maiya Chaahe Mero Vyaah -LYRICS

मैया चाहे मेरी ब्याह न होता पर बलम नशेड़ी न होते
अस्सी बरस को बुड्ढा भोला भर भर पीव भांग को गोला
मैया संग राखे कुण्डी सोटा पर बलाम नशेड़ी न होते
मैया चाहे मेरी ब्याह न होता पर बलम नशेड़ी न होते

बाजे चिमटा डमरू हरदम बोले बम बम बम बम बम बम
मैया ये तो पर जाए भांग को गोलो पर बलम नशेड़ी न होते
मैया चाहे मेरी ब्याह न होता पर बलम नशेड़ी न होते

कई कई दिन भोला कुछ न बोले लगा समाधि आंख नहीं खोले,मैया चाहे भोला कई दिन न सोतो पर बलम नशेड़ी न होते

मैया चाहे मेरी ब्याह न होता पर बलम नशेड़ी न होते

Saturday, June 20, 2020

Lalle Ki Sun Ke Main Aai -LYRICS

लल्ले की सुन के मैं आई यशोदा मैया देदो बधाई
चुनरी भी देना मैया चोली भी देना लहंगे की देना सिलाई
यशोदा मैया देदो बधाई
लल्ले की सुन के मैं आई यशोदा मैया देदो बधाई
कंगना भी देना मैया हरवा भी देना हार्वे की देना गढ़ाई
यशोदा मैया देदो बधाई
लल्ले की सुन के मैं आई यशोदा मैया देदो बधाई
हीरे भी देना मैया मोती भी देना माला की देना पुवाई
यशोदा मैया देदो बधाई
लल्ले की सुन के मैं आई यशोदा मैया देदो बधाई
जुग जुग जीव मैया तेरी लालानवा भक्तोंकी करे सुनवाई
यशोदा मैया देदो बधाई
लल्ले की सुन के मैं आई यशोदा मैया देदो बधाई

Friday, June 19, 2020

Bas Gaye Bas Gaye Ram -LYRICS

बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
राजा दशरथ के चार पुत्र थे भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण राम
मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
जनकपुरी में धनुष है तोड़ा जनकलाली से नाता जोड़ा
कितनी सुंदर जोड़ी राममेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
राजतिलक की हुई तैयारी कैकई मां ने बात बिगाड़ी
चौदह वर्ष वन गए सिया राम मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
ताड़क वाण में ताड़का मारी गौतम नार अहिल्या तारी
मुख से बोली जय श्री राम मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
पंचवटी पे कुटिया बनाई सुपंखा की नाक काट दी
फिर खर दूषण मारे राम मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
साधु के वेश में रावण आया सीता को के गया चुरा के
कुटिया सूनी कर गई राम मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम
वन वन ढूंढे वन वन भटके आगे चल के हनुमत मिल गए बिगड़े काम संवारे राम मेरे मन बस गए सीता राम
बस गए बस गए बस गए राम मेरे मन बस गए सीता राम

Thursday, June 18, 2020

Ghar Ghar Me To Ho Rahi -LYRICS

घर घर में हो रही चर्चा मच रही हाहाकार
आज अवध से राम चले है वनवास
लक्ष्मण जी ने कहा सुनो मेरे भैया  
तुम तो वाण को जाए रहे हो में भी हूं तैयार
आज अवध से राम चले है वनवास
सीता की ने कहा सुनो मेरे पिया तुम बिन कैसे लगा रहे मेरा जिया पति के चरणों में होता है नारी का उद्धार
आज अवध से राम चले है वनवास
जमुना तट पे पहुंच गए तीनों प्राणी केवट जी से बोल
रहे मीठी वाणी नाव इधर को लाई मेरे भैया जाना है उस पार   आज अवध से राम चले है वनवास
पंचवटी पे जाकर के विश्राम किया सुपर्ण खा ने आकर के ससुराल किया लक्ष्मण जी को गुस्सा आया नकटी कर
दी नाक   आज अवध से राम चले है वनवास
रावण ने जब सीना क्रोध में में आया हर ली सीता नार हरि हर की रानी इस पापी नाश कर अपने कुल का आज
आज अवध से राम चले है वनवास
घर घर में हो रही चर्चा मच रही हाहाकार

Naina Mar Mar Kanha -LYRICS

नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए
सोने के कल्सा में जमुना को पानी
नैना मार मार कान्हा नहबाय दाऊंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

कोरी कोरी मटकी में दहिया जमायो
नैना मार मार कान्हा खवाय डऊंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

सोने को लोटा गंगाजल पानी 
नैना मार मार कान्हा पिबाय दौंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

फूलों की सेज मोटी झल्लार को तकिया
नैना मार मार कान्हा सुबाय दांगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

Wednesday, June 17, 2020

Pagli Gayi Guru Ko Bhul -LYRICS

पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में
हो रही दिन भर मेरा मार याद तिय गाय भैंस की धार
रह गई याद मूल और ब्याज उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

तेरी बहू चैन से सोती तेरे कंधे पोता पोती
पगली हो रही धूलम धूल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

करती हाय माया हाय माया धूप में काली पड़ गई काया
सारी ढीली पड़ गई खाल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

पगली अब सूझी तोए किसकी भूली भजन मौज और मस्ती खोव जीवन यूं ही फ़िज़ूल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

Tuesday, June 16, 2020

Mere Devar Ho Chhote Laxman -LYRICS

मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो बाग़ का फूल हो
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो भंवरे का झूठा फूल हो 
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो गाय का दूध हो 
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो बछड़े का झूठा दूध हो
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो बाग़ का बेर हो
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता  हो तोते का झूठा बेर हो
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे कोई जतन बता हो 
मै व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो तुलसी के सच्चे पात हो
तू व्रत ग्यरास का खोल ले
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो तुम जग जग जिओ मेरे लक्ष्मण हो तूने व्रत ग्यारस का खुलवाया