Wednesday, April 6, 2022

ek adbhut kavita -

*बहुत सुंदर प्रयास एक बार ध्यान से पढ़िएगा 🌸🌸🌸*

कभी हिन्दी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुन्दर प्रयोग आप की अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय कह उठेंगे...   

यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है।
हिन्दी वर्णमाला का क्रम से कवितामय प्रयोग-बेहतरीन है।

*वंदन करते हैं उस कवि का*

*अ* चानक
*आ* कर मुझसे
*इ* ठलाता हुआ पंछी बोला
*ई* श्वर ने मानव को तो
*उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला
*ऊ* पर हो तुम सब जीवों में
*ऋ* ष्य तुल्य अनमोल
*ए* क अकेली जात अनोखी
*ऐ* सी क्या मजबूरी तुमको
*ओ* ट रहे होंठों की शोख़ी
*औ* र सताकर कमज़ोरों को
*अं* ग तुम्हारा खिल जाता है
*अ:* तुम्हें क्या मिल जाता है.?
*क* हा मैंने- कि कहो
*ख* ग आज सम्पूर्ण
*ग* र्व से कि- हर अभाव में भी
*घ* र तुम्हारा बड़े मजे से
*च* ल रहा है
*छो* टी सी- टहनी के सिरे की
*ज* गह में, बिना किसी
*झ* गड़े के, ना ही किसी
*ट* कराव के पूरा कुनबा पल रहा है
*ठौ* र यहीं है उसमें
*डा* ली-डाली, पत्ते-पत्ते
*ढ* लता सूरज
*त* रावट देता है
*थ* कावट सारी, पूरे
*दि* वस की-तारों की लड़ियों से
*ध* न-धान्य की लिखावट लेता है
*ना* दान-नियति से अनजान अरे
*प्र* गतिशील मानव
*फ़* रेब के पुतलो
*ब* न बैठे हो समर्थ
*भ* ला याद कहाँ तुम्हें
*म* नुष्यता का अर्थ.?
*य* ह जो थी, प्रभु की
*र* चना अनुपम...
*ला* लच-लोभ के 
*व* शीभूत होकर
*श* र्म-धर्म सब तजकर
*ष* ड्यंत्रों के खेतों में
*स* दा पाप-बीजों को बोकर
*हो* कर स्वयं से दूर
*क्ष* णभंगुर सुख में अटक चुके हो
*त्रा* स को आमंत्रित करते
*ज्ञा* न-पथ से भटक चुके हो।
*श्रे* ष्ठ पथ पर बढ़े चलो। 


*अंग्रेजी के अल्फाबेट्स पर बहुत कुछ पढ़ा होगा... पहली बार हिंदी में👍*

Wednesday, March 30, 2022

आज तो बधाई बाजे - Aaj To Badhaai Baaje - LYRICS-https://youtu.be/5booa5RCN48

आज तो बधाई बाजे मां के भवन में
मां के भवन में मां के भवन में मां के भवन में
आज तो...

पहली बधाई देने गणपति जी आए गणपति जी आए संग 
रिद्धि सिद्धि लाए, रिद्धि सिद्धि का कंगना बाजे मां के भवन में
आज तो...


दूजी बधाई देने भोले जी आए भोले जी आए संग 
गौराजी को लाए, गौरा जी की पायल बाजे मां के भवन में
आज तो...

तीजी बधाई देने राम जी आए राम जी आए संग
सीताजी को लाए, सीताजी की पायल बाजे मां के भवन में
आज तो...


चौथी बधाई देने कान्हा जी आए कान्हा जी आए संग 
राधाजी को लाए, राधाजी की पायल बाजे मां के भवन में
कान्हा जी की बंसी बाजे मां के भवन में
आज तो...

Tuesday, March 29, 2022

तारीफ करूं क्या उसकी - Taarif Karoon Kya Uski - LYRICS- https://youtu.be/Xf9D2OYsjrk

तारीफ करूं क्या उसकी जिसने मां को सजाया

मैया के माथे टीका टीके का रंग सुनहरा 
मैया के गले में हरवा हरवे का रंग सुनहरा
वो भक्त बड़ा अलबेला जिसने मां को पहनाया
तारीफ करूं क्या उसकी जिसने मां को पहनाया


इसी तरह आगे बढ़ाएं भजन को

घटा घनघोर है जिया मनमोर है - Ghata Ghanghor Hai Jiya Manmor Hai - LYRICS-https://youtu.be/mA-AlNBJsl0

 घटा घनघोर है जिया मनमोर है तू आजा मेरी मैया
माथे मैया के टीका सोहे बिंदिया पे मन मेरा
नाक मैया के नथनी सोहे झाले पे मन मेरा
जो मेरी मैया नजर लगावे भला न उसका होगा 
नजरिया उतार लूंगी कजरा लगाए दूंगी 
तू आजा मेरी मैया...


इसी प्रकार से भजन को आगे बढ़ाना है

काली काली कालिका - Kali Kali Kalika - LYRICS-https://youtu.be/0wt1Yd-rZQ0

काली काली कालिका कलकत्ते वाली कालिका 
मेरे अंगना में रस बरसा ओ काली काली कालिका...

आजा मैया आजा मैं टीका पहना दूं 
टीका पहना के में बिंदिया लगा दूं, सिंदूर लगा दूं 
आजा मां आजा अब देर न लगा  ओ काली काली....


इसी प्रकार से भजन को आगे बढ़ाना है

Tuesday, March 22, 2022

झूला झूलन चली आई - Jhoola Jhoolan Chali Aayi - LYRICS-https://youtu.be/jR7Y7dTGkQo

झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

पहलो झूला कैलाश पे झूली शिव की नार कहाई re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

दूजो झूला अवधपुरी में झूली राम की नार कहाईं re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

तीजो झूला गोकुल में झूली कृष्ण प्रिया कहाइ re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

चौथो झूला वैकुंठ में झूली विष्णु की नार कहाई re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

पांचों झूला मैहर में झूली शारदा नाम धराई re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

छटवां झूला मंदिर में झूली जग जननी कहलाई re
मेरी अम्बे भवानी
झूला झूलन चली आई re मेरी अम्बे भवानी

Saturday, March 19, 2022

चोरी माखन की करे है - Chori Makhan Ki Kare Hai - LYRICS-https://youtu.be/3lrC7F9RtA4

चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना

जब मैं जाऊं पनिया भरण को ये घर में घुस जावे
माखन खावे मटकी फोड़े उधम खूब मचावे
ये तो धोखे से करे है मैया घात
चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना

सब ग्वाले याके रहे साथ में चले बना के टोली
जब ग्वालिन कोई मिले अकेली करता खूब ठिठोली
ये तो माने न काऊ की मैया बात
चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना

एक दिन जाने कुंज गालों में बाएं मेरी झटकी
मेरे सिर पे धरी हुई थी दही मक्खन की मटकी
या से पेश न हमारी कछु खात
चोरी माखन की करे है दिन रात यशोदा मैया तेरा ललना