Saturday, February 27, 2021

शंकर पार्वती की संग - Shankar Parvati Ke Sang - LYRICS-

शंकर पार्वती की संग पड़न लागी 
हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

पहली भांवर पड़ने लगी तब कोई पंडित है नाय
सहज सहज फिर शंकर नी ने ब्रह्मा को लियो है बुलाए
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

दूजई भांवर पड़ने लगी तब कोई सखी है नाय
सहज सहज फिर शंकर जी ने लक्ष्मी को लियो है बुलाए
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

ती जी भांवर पड़ने लगी तब तीन पुरुष दो नार
सहज सहज फिर शंकर जी ने गंगा को दियो है बहाए
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

चौथी भांवर पड़ने लगी तब तीन पुरुष एक नार
सहज सहज फिर शंकर जी ने चंदा को दियो है उतार
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

पांचवीं भांवर पड़ने लगी तब दो पुरुष एक नार
सहज सहज फिर शंकर जी ने नाग को दियो है भगाए
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

छठी भांवर पड़ने लगी तब एक पुरुष एक नार
सहज सहज फिर शंकर जी ने डमरू दियो है बजाय
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

सातवीं भांवर पड़ने लगी तब कोई सवारी नाय
सहज सहज फिर शंकर जी ने नन्दी को लियो है बुलाए
पड़न लागी हरे हरे पड़ान लागी भांवरिया

कान्हा मथुरा में बहना - Kanha Mathura Me Behna - LYRICS-

कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

पहली नब्ज़ मैने ससुल की दिखाई
वाय कुछ नाय बहना पैसा की बीमारी
कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

दूजो नब्ज़ मैने जेठानी की दिखाई 
वाय कुछ नाय बहना न्यारे की बीमारी
कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

ती जी नब्ज़ मैने देवरानी की दिखाई
वाय कुछ नाय बहना घूमन कि बीमारी
कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

चौथी नब्ज़ मैने नन्द की दिखाई
वाय कुछ नाय बहना लेवे की बीमारी
कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

पांचवीं नब्ज़ मैने अपनी दिखाई
मोए कुछ नाय कान्हा से मिलने की बीमारी
कान्हा दर्शन की बीमारी
कान्हा मथुरा में बहना वैद्य बनो सरकारी

Friday, February 26, 2021

तू बस गयो कितनी दूर - Too Bas Gayo Kitni Door - LYRICS-

तू बस गयो कितनी दूर याद तेरी आवे रे सांवरिया

तेरी मुरलिया बाज रही सांवरिया, 
मेरो ले गई कलेजा काट
तेरी आवे रे सांवरिया

लिख लिख चिट्ठियां गेर रही सांवरिया
हाथों को नाय कुसूर
तेरी आवे रे सांवरिया

पैरों में छाले पड़ गए सांवरिया
चलने को हुई मजबूर
तेरी आवे रे सांवरिया

रोए रोए अंखियां लाल भयिं सांवरिया
चेहरे को उड़ गई नूर
तेरी आवे रे सांवरिया

Thursday, February 25, 2021

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा - Jindgi Me Hajaron Ka Mela Juda - LYRICS-

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा जब अकेला उड़ा

राजा राजा रहे न तो रानी रही 
हर चीज यहां आनी जानी रही
न बुढ़ापा रहा न जवानी रही
कहने सुनने को केवल कहानी रही
चार दिन का गए जग में झमेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा जब अकेला उड़ा
जिंदगी...

कोठी बंगले खड़े के खड़े रह गए
हीरे मोती धरे के धरे रह गए 
ठाठ सारे पैसे के पड़े रह गए
कुल खजाने गड़े के गड़े रह गए
हंस जब जब उड़ा जब अकेला उड़ा
जिंदगी...

बेबसों को सताने से क्या फायदा
दिल किसी का दुखने से क्या फायदा 
नेकी कर बड़ी कमाने से क्या फायदा 
हर मानव बराबर न छोटा बड़ा
हंस जब जब उड़ा जब अकेला उड़ा
जिंदगी...

सोच ले सोच ले अपने अंजाम को
भक्ति रस के बिना जीवन किस काम का
पैसा कौड़ी लगे न बिना दाम का
भज ले मोहन मुरारी तू घमश्यम को
कृष्ण राधा नाम एक में ही जुड़ा
हंस जब जब उड़ा जब अकेला उड़ा
जिंदगी...

Tuesday, February 23, 2021

यही सोच दिन रात राम - Yahi Soch Din Raat Raam - LYRICS-

यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न मानी आज्ञा मात पिता की,अपनों का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न करी सेवा सास ससुर की, पति का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न किया आदर देवर जेठ का, बेटे का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न करी सेवा गौ माता की, काया का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न करी सेवा साधु संत की, मैया का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

न करी सेवा गुरुदेव की, भक्ति का किया अभिमान
राम हमें कैसे तारोगे
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे

Monday, February 22, 2021

मिल जाएं कृष्ण मुरार - Mil Jayen Krishn Murar - LYRICS-

मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो
खुल जाएं मुक्ति का द्वार रे सखी ग्यारस कर लो

ग्यारस करी थी नन्द रानी ने अंगना में खेलें कृष्ण मुरार
रे सखी ग्यारस कर लो
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो
खुल जाएं मुक्ति का द्वार रे सखी ग्यारस कर लो

ग्यारस करी थी धन्ना भगत ने भर गए उसके भंडार रे
रे सखी ग्यारस कर लो
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो
खुल जाएं मुक्ति का द्वार रे सखी ग्यारस कर लो

ग्यारस करी थी नरसी भगत ने चौकों पे आए भगवान
रे सखी ग्यारस कर लो
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो
खुल जाएं मुक्ति का द्वार रे सखी ग्यारस कर लो

ग्यारस करी थी मीरा बाई ने मिल गए कृष्ण मुरार रे
रे सखी ग्यारस कर लो
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो
खुल जाएं मुक्ति का द्वार रे सखी ग्यारस कर लो

Sunday, February 21, 2021

जरा फूल बिछा दो - Jara Phool Bichha Do - LYRICS-

जरा फूल बिछा दो आंगन में मेरी सीता आने वाली है

कोई सीता की पायल के आओ,
कोई सीता के बिछुए के आओ
सब मिलकर बोलो जयकारा

(सभी जेवर के नाम लेकर भजन आगे ब ढायें )