Friday, February 15, 2019

उठ जाग मुसाफिर भोर भई - हिन्दी लिरिक्स ( lyrics )

उठ जाग मुसाफिर भोर भई 

अब रैन कहाँ जो सोवत है
जो सोवत है वो खोवत है
जो जागत है वो पावत है     (x2)

उठ नींद से अँखियाँ खोल ज़रा 
और अपने प्रभु से ध्यान लगा 
ये प्रीत करन...
ये प्रीत करन  की रीत नहीं 
प्रभु जागत है तू सोवत है 

उठ जाग मुसाफिर भोर भई 
अब रैन कहाँ जो सोवत है         (x2)

जो कल करना है आज करले
जो आज करे सो अब करले      (x2)
अब पछताये का होवत है
जब चिड़िया ने...
जब चिड़िया ने चुग खेत लिया 

उठ जाग मुसाफिर भोर भई 

अब रैन कहाँ जो सोवत है         (x2)

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