अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये शीश उसी से कहते हैं जो रामचरण झुक जाता है
तूने खूब कारी ढोआ ढाई तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये कान उसी से कहते हैं जो राम भजन सुन लेता है तूने खूब सुनी चुगली चांटी ।तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये आंख उसी से कहते हैं जो राम दर्श कर लेते हैं
तूने खूब कारी सैना मानी।तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये जीभ उसी से कहते हैं जो राम भजन गा लेती है
तूने खूब कारी चाटा चट्टी।तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये हाथ उसी से कहते हैं जो दान पुण्य कर लेते हैं
तूने खूब कारी हेरा फेरी।तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
ये पैर उसी से कहते हैं जो मंदिर तक चले जाते हैं
तूने खूब कारी डोला डाली।तेने राम न जाने तो क्या जाना
अरे हे मन मूर्ख अज्ञानी तेने राम न जाने तो क्या जाना
Wednesday, November 13, 2019
Are Hey Man Murakh Agyani- Lyrics
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