Thursday, November 7, 2019

Dulha Saligram Tulsa Bani Re- Lyrics

दूल्हा सालिग्राम तुलसा बनी रे दुल्हनियां
एक दिन वो प्यारी तुलसा पनिया भरण को जाती है
बीच में मिल गईं चतुर राधिका वो इठला के बोली रे
तुलसा लागे है मेरी सौतानिया तुलसा बनी रे....

इतने वचन सुने तुलसा ने बदन गयो कुम्हलाई रे
हालात कंपत घर को आयिं पलंग लियो लटकाई रे
इतने में आए मनमोहन२ कैसी हो तुलसा अनमनिया
तुलसा बनी रे....

तुमरी राधा बड़ी चतुर है बोली ओली टोली रे
सब सखियन में तना मारे तुलसा सौत हमारी है
हरदम लिए हो अपनी राधा रनिया ओ हरदम..
तुलसा बनी रे...

छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन जो कोई पर जिमावे रे
बिन तुलसा कोई एक ना भावे करे जतन कोई लाखों रे
सिर के ऊपर ऐसे बैठी जैसे मुकुट में जड़ी मणियां
तुलसा बनी रे...

तुलसा मेरी परम प्यारी जाको भेद ना पावें रे
सुर नर मुनि जन सकल देवता विमल - विमल जस गावे रे
वेदों में लिखी इनकी गाथनिया
तुलसा बनी रे...

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