भोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ी
तुम नहीं बोलोगे तो गंगा बन जाऊंगी गंगा बन जाऊंगी
जाता में राम जाऊंगी। भोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ी
तुम नहीं बोलोगे तो चंदा बन जाऊंगी चंदा बन जाऊंगी माथे पे रम जाऊंगी।भोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ीभोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ी
तुम नहीं बोलोगे तो सर्प बन जाऊंगी सर्प बन जाऊंगी
गले में रम जाऊंगी।भोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ी
तुम नहीं बोलोगे तो डमरू बन जाऊंगी डमरू बन जाऊंगी हाथों में रम जाऊंगी।भोले बोलो तो सही तेरे दर्शन को दासी कबसे खड़ी
(इसी प्रकार से सबके बारे में कहना है)
क्या कमाल का भाव है. अति सुन्दर. हमारी कुलदेवी (कश्मीरी पंडितों)18 भुजा वाली दुर्गा भवानी है जिन्हें हम शारिका भवानी कहते है.कृपा होगी उन पर भी आप कुछ लिखे. भवानी आप पर कृपा करे.आपकी लेखनी अमर रहे. ak.gurtu@rediffmail.com
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