काले घनश्याम पे नन्द जू के लाल पे
जहर के प्याले राणा जी ने भेजे
मीरा तो हंस के पी गई गिरधर के नाम पे
मीरा दीवानी हो गई काले घनश्याम पे
सर्पों की माला राणा जी ने भेजी
मीरा ने हंसके पहनी गिरधर के नाम पे
मीरा दीवानी हो गई काले घनश्याम पे
सर्प पिटारे राणाजी ने भेजे मीरा ने हैं के खोले
गिरधर के नाम पे
मीरा दीवानी हो गई काले घनश्याम पे
कांटों की शैया राणाजी ने भेजी
मीरा तो हंसके सो गई गिरधर के नाम पे
मीरा दीवानी हो गई काले घनश्याम पे
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