महल अटारी कुछ नहीं उनके, कैलाशी का वासी मैं देख आई
पार्वती तेरा सैयां मैं देख आई २
हाथी घोड़ा कुछ नहीं उनके, ननदी की करे सवारी मैं देख आई
पार्वती तेरा सैयां मैं देख आई २
भांग धतूरा ढेर रखा है पिए भंग का प्याला मैं देख आई
पार्वती तेरा सैयां मैं देख आई २
न कोई संगी न कोई साथी भूत हैं उनके संगी मैं देख आई
पार्वती तेरा सैयां मैं देख आई २
वस्त्र आभूषण कुछ न उनके गाल मुंडो की माला मैं देख आई
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