तू नहीं आया आ गए सारे, कब आओगे मुरलिया वाले
सपनों में सपना छोड़ गया तू, आज अकेला छोड़ गया तू
फूलों पे चलके लगता है ऐसे , पांव के नीचे अंगारे
कब आओगे मुरलिया वाले...
ऐसा न हो कि तू न आए, भारी सभा में लाज बचाने
तड़प तड़प के बिलख बिलख के, मार जाएं तेरे मारे
कब आओगे मुरलिया वाले...
दूर बहुत क्या देश है तेरा, पहुंचा नहीं संदेश है मेरा
सपनों के मोहन जल्दी से आजा, देर न कर मेरे प्यारे
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