महल दुमेहले मेरे घर बहुतेरे तेरे जैसे तंबू नाहीं
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
कुटुंब कबीला मेरे घर बहुतेरा तेरे जैसी संगत नाहीँ
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
हलवा पूरी मेरे घर बहुतेरे तेरे जैसे लंगर नाहीं
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
साधु महात्मा मंदिर में बहुतेरे तेरे जैसे गुरुवर नाहीं
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
सबद वचन ये गांव बहुतेरे तेरे जैसा सत्संग नाहीं
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
कहत कबीर सुनो भई साधो गुरु बिन मुक्ति नाहिं
गुरु जी तेरे चरणों में आई, बिन हल्दी...
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