सुंदर सूरतिया पे पापा लुभाए नहीं देखा घर और घराना
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...
बातें करें राजा लाखों करोड़ों की, अठन्नी का नहीं है सहारा
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...
अपने को समझें वो डिप्टी कलेक्टर, पढ़े लिखे हैं आवारा
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...
खेती किसानी उनके मन ही न भावें, गलियों में घूमें आवारा
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