Thursday, June 18, 2020

Naina Mar Mar Kanha -LYRICS

नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए
सोने के कल्सा में जमुना को पानी
नैना मार मार कान्हा नहबाय दाऊंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

कोरी कोरी मटकी में दहिया जमायो
नैना मार मार कान्हा खवाय डऊंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

सोने को लोटा गंगाजल पानी 
नैना मार मार कान्हा पिबाय दौंगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

फूलों की सेज मोटी झल्लार को तकिया
नैना मार मार कान्हा सुबाय दांगी तोए
नैना मार मार कान्हा बुलाए लाऊंगी तोए

Wednesday, June 17, 2020

Pagli Gayi Guru Ko Bhul -LYRICS

पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में
हो रही दिन भर मेरा मार याद तिय गाय भैंस की धार
रह गई याद मूल और ब्याज उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

तेरी बहू चैन से सोती तेरे कंधे पोता पोती
पगली हो रही धूलम धूल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

करती हाय माया हाय माया धूप में काली पड़ गई काया
सारी ढीली पड़ गई खाल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

पगली अब सूझी तोए किसकी भूली भजन मौज और मस्ती खोव जीवन यूं ही फ़िज़ूल उलझ गई बेटे पोतों में
पगली गई गुरु को भूल उलझ गई बेटे पोतों में

Tuesday, June 16, 2020

Mere Devar Ho Chhote Laxman -LYRICS

मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो बाग़ का फूल हो
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो भंवरे का झूठा फूल हो 
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो गाय का दूध हो 
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो बछड़े का झूठा दूध हो
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे ला दो बाग़ का बेर हो
मैं व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता  हो तोते का झूठा बेर हो
तू व्रत ग्यारस का खोलेगी
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो मुझे कोई जतन बता हो 
मै व्रत ग्यारस का खोलूंगी
मेरी भाभी हो सीता माता हो तुलसी के सच्चे पात हो
तू व्रत ग्यरास का खोल ले
मेरे देवर हो छोटे लक्ष्मण हो तुम जग जग जिओ मेरे लक्ष्मण हो तूने व्रत ग्यारस का खुलवाया

Monday, June 15, 2020

Bhole Baba Ne Damroo Bajaya - Lyrics-

भोले बाबा ने डमरू बजाया गौरा को ब्याहने आया
तिलक चढ़ने लगे लड्डू बांटने लगे घर घर में बुलाब भेजा
गौरा को ब्याहने आया
भोले बाबा ने डमरू बजाया गौरा को ब्याहने आया
मंगल गाने लगीं ढोलक बजने लगीं भोले को खूब सजाया   गौरा को ब्याहने आया
भोले बाबा ने डमरू बजाया गौरा को ब्याहने आया
मंडप सजने लगा भांवर पड़ने लगीं पंडित ने ब्याह रचाया
गौरा को ब्याहने आया
भोले बाबा ने डमरू बजाया गौरा को ब्याहने आया
डोली सजने लगी गौरा रोने लगी माता ने गले से लगाया
गौरा को ब्याहने आया
भोले बाबा ने डमरू बजाया गौरा को ब्याहने आया

Kaisi Samadhi Lagai Re -LYRICS

कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले

यमुना जगावें त्रिवेणी जगावे गंगा लटों में समाई रे
भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
चंदा जागावें तारे जागावे सूरज ने तपन बढाई रे
भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
ब्रह्मा जगाबें विष्णु जगावेन नारद ने वीणा बजाई रे
भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
रामजी जागावेन सीताजी जगावेण हनुमत ने ताली  
बजाई रे भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
राधा जगवे रुकमिणी जागवे कृष्ण ने वंशी बजाई रे
भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
संत जगआवे सदगुरु jagave भक्तों नेताली बजाई री
भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले
गणपति jagaaave कार्तिक jagaave गौरा ने पायल
छनकाई रे भोले अंखियां न खोले
कैसी समाधि लगाई र भोले अंखियां न खोले

Sunday, June 14, 2020

Bhar Laai Gagariya Mein Ram -LYRICS

भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम रस की भर लाई...
ब्रह्मा ने पी लयी विष्णु ने पी ली नारद ने पी लय
लगाए चुस्की भर लाई...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 
महादेव ने पी ली कार्तिक ने पी ली गणेश ने पी ली 
लगाए चुस्की भर लाई...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 
राम ने पी ली लक्ष्मण ने पी ली हनुमत ने पी ली 
लगाए चुस्की भर लाई ...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 
साधु ने पी ली संतों ने पी ली भक्तों ने पी ली 
लगाए चुस्की भर लाई...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 
कृष्ण ने पी ली राधा ने पी ली दाऊ ने पी ली  
लगाए चुस्की भर लाई...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 
ढोलक ने पी ली मंजीरों ने पी ली संगत ने पी ली
लगाए चुस्की भर लाई...
भर लाई गागरिया मैं राम रस की राम रस की हरि नाम 

Thursday, June 11, 2020

Van Me Mach Rahi Hahakar -LYRICS

वन में मच रही हाहाकार घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
तुम कहां के रहने वाले और कौन पुरुष ने पाले
एजी तुमरे का पिता को नाम
घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
हम वाण के रहने वाले ऋषि वाल्मीकि ने पाले
एजी हमें नहीं पता पिता को नाम
घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
फिर सबने मिल समझाए और सब लड़ने को आए 
एजी उनने सबको दियो हराय
घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
फिर रामचंद्र जी आए उनने धनुष बाण उठाए
एजी फिर ऋषि ने रोके आय
घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
सीता ने उन्हें समझाया और पिता को पायो बतायो
लव कुश पिता तुम्हारे राम
घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने
वन में मच रही हाहाकार घोड़ा पकड़ लियो लव कुश ने