पारवती के गजानन भयो रे
ब्रह्मा भी आये विष्णु भी आये
लक्ष्मी के आये आनंद भयो रे
आज कैलाश पर्वत....
रामा भी आये लक्ष्मण भी आये
सीता के आये आनंद भयो रे
आज कैलाश पर्वत...
गंगा भी आई जमुना भी आई
सरयू के आये आनंद भयो रे
आज कैलाश पर्वत...
राधा भी आई कृष्ण भी आये
रूक्मिण के आये आनंद भयो रे
आज कैलाश पर्वत...
ढोलक भी बाजे मंजीरा भी बाजे
भक्तो के गाये आनंद भयो रे
आज कैलाश पर्वत...
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