Friday, July 5, 2019

Anguthi Mohe Saanch Bata De - Lyrics

अंगूठी मोहे साँच बता दे
कहाँ पर छोड़े लक्ष्मण राम 


छोड़ दिए जनकपुरी दरम्याँ
मार दिए सब भूपन के मान
धनुष के तोड़न हारे
कहाँ पर छोडे लक्ष्मण राम
अंगूठी मोहे साँच...
छोड़ दिए अवधपुरी दरम्याँ
मांग लिए केकई ने वरदान
वचन के पालन हारे
कहाँ पर छोड़े लक्ष्मण राम
अंगूठी मोहे साँच...
छोड़ दिए चित्रकूट दरम्याँ
मार दिए भरत भैया के मान
खडाऊ के देने वाले
कहाँ पर छोड़े लक्ष्मण राम 
अंगूठी मोहे साँच...
छोड़ दिए पंचवटी दरम्याँ
काट लिए सुपनखाँ के कान
नाक के काटन हारे
कहाँ पर छोड़ लक्ष्मण राम
अंगूठी मोहे साँच...
छोड़ दिए लंकापूरी दरम्याँ
मार दिए रावन के सब मान 
रावन को मारण हारे 
कहाँ पर छोड़े ल;लक्ष्मण राम 
अंगूठी मोहे साँच...

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