चलो भक्तों मैया जी के दर चलो
झुकाकर सर चलो। चलो भक्तों...
ऊंचे पर्वत पर है मां का भवन सुहाना
हर घड़ी भक्तों का रहता है आना जाना
तुम चलो हम चलें सावन की घटा चले
चलो भक्तों...
मुख में हो नाम मां का जीवन हो जाए पावन
चौखट पे सर को रख दो मित जाए सारी उलझन
बिन थके बिन रुके चढ़ते तुम शिखर चलो
चलो भक्तों...
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