शब्दों का मतलब:- पामरिया : फांवडा, पियरी : पीली
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया
तो फिर कुम्हरा तो माटी कूं चलो हो माय
पहली पामरिया मैया मारी कुम्हरा ने
तो निकरी है पीयरी सी माटी हो माय
जय जय निकरी है पीयरि सी माटी हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
दूजी पामरीया मैया मारी कुम्हरा ने
तो निकरी है हरी - हरी घास हो माय
जय जय निकरी है हरी - हरी घास हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
तीजी पामरीया मैया मारी कुम्हरा ने
तो निकरी है कंकड़ पत्थर हो माय
जय जय निकरी है कंकड़ पत्थर हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
चौथी पामरीया मैया मारी कुम्हरा ने
तो निकरो है दूध और पानी हो माय
जय जय निकरो है दूध और पानी हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
पांची पामरीया मैया मारी कुम्हरा ने
तो निकरी हैं आदि भवानी हो माय
जय जय निकरी हैं आदि भवानी हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
डार पामरिया मैया भाजो कुम्हरा को
तो पीछे से भाजी आदि भवानी हो माय
जय जय पीछे से भाजी आदि भवानी हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
डरपे मत लाला झिझके मत तू
तो मैं हूं जगत महारानी हो माय
जय जय मैं हूं जगत महारानी हो माय
हाथ पमरिया मैया सिर पे डलिया...
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