मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं है
चोट खाई है जो दिल पे मैने वो दिखने के काबिल नहीं है।
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना...
जब से देखा है जलबा तुम्हारा कोई आंखों में जंचता नहीं है यूं तो देखे बहुत नूर वाले सारे आलम में तुमसा नहीं है नहीं है
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना...
मोहब्बत का तकाजा यही है ना तुम बदलो ना हम बदलें
तुम तो ऐसे बदलने लागे हो आज तक कोई बदला नहीं है नहीं है
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना...
तेरी सूरत पे कुर्बान जाऊं तेरी आंखें हैं या मय के प्याले जिनको नज़रों से तुमने पिलाई होश आने के काबिल नहीं है नहीं है
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना...
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