पांच तत्व का महल बनाया, कारीगर ने खूब सजाया
खाल मांस के पुर्जे बनाए, क्या सुंदर खूब सजाया
क्या देते हो आप किराया...
इस महल के दस दरवाजे, उपर कलश अंगूरी साजे
अनहद नौबत निश्दीन बाजे, क्या सुंदर खूब सजाया
क्या देते हो आप किराया...
प्राण अपान का पंखा हिलता ज्ञान का दीपक निश्दिन जलता
पांच तत्व की लगी कचहरी, पल पल न्याय कराता
क्या देते हो आप किराया...
मकान के मालिक को न जाना, किस भूल में फिरे दीवाना
तेरी पग पग डोले काया, क्या देते हो आप किराया
क्या देते हो आप किराया...
अलख निरंजन राम की माया, पूरण ब्रह्म एक दर्शाया
जीव ईश का भेद मिटाया, आप में आप समाया
Vijay Varma ji is a great pandit in Astrology.
ReplyDeleteBest Astrologer in California