Sunday, January 17, 2021

बालू मिट्टी के बनाए - Balu Mitti Ke Banaye - LYRICS-

बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ च्ढाऊं लोटा जल भरके

पहला वर जो मांगा सिया ने वर दीने भगवान
मिले मिले रे कौशल्या जैसी सास ससुर राजा दशरथ से
बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ च्ढाऊं लोटा जल भरके

दूजा वर जो मांगा सिया ने वर दीना भगवान 
मिले मिले रे शिवशंकर जैसे जेठ जितनी गौरा पार्वती
बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ च्ढाऊं लोटा जल भरके

तीजा वर जो मांगा सिया ने वर दीना भगवान
मिले मिले रे सुभद्रा जैसी नन्द ननदोई राजा अर्जुन से
बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ च्ढाऊं लोटा जल भरके

चौथा वर जो मांगा सिया ने वर दीना भगवान
मिले मिले रे पति श्री राम देवर भैया लक्ष्मण से
बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ च्ढाऊं लोटा जल भरके

Saturday, January 16, 2021

ले चलो अपनी डगरिया - Le Chalo Apni Dagariya- LYRICS-

ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया
सिर पर घड़ा घड़े पर गगरी  लचकत जावे कमरिया
राधा के सांवरिया
ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया

तेरी मेदी गालियां रोज को चलवो भूल न जाऊं डागरिया
राधा के सांवरिया
ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया

ऊंची नीची सीढ़ियां रोज को चढ़वो लचकत जावे चुनरिया 
राधा के सांवरिया
ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया

ऊंची अटा सीढ़ी को चढ़वो लचकट जावे कमरिया
राधा के सांवरिया
ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया

काली काली घटा उठी है जैसे बदल में तड़पे बिजुरिया
राधा के सांवरिया
ले चलो अपनी डागरिया राधा के सांवरिया

मानो बात हमारी - Mani Baat Hamari - LYRICS-

मानो बात हमारी वन को मत जाओ जनकदुलारी
वन को मत जाओ जनकदुलारी
मानो बात हमारी वन को मत जाओ जनकदुलारी

पैदल पैदल सिया चलना पड़ेगा वहां नाय मोटर गाड़ी
वन को मत जाओ जनकदुलारी
मानो बात हमारी वन को मत जाओ जनकदुलारी

कंद मूल फल खाने पड़ेंगे नाय वहां रोटी तरकारी
वन को मत जाओ जनकदुलारी
मानो बात हमारी वन को मत जाओ जनकदुलारी

धरती पे सिया सोना पड़ेगा नाय वहां मिले चारपाई
वन को मत जाओ जनकदुलारी
मानो बात हमारी वन को मत जाओ जनकदुलारी



Thursday, January 14, 2021

मैं तो बैठ गई - Mai To Baith Gayi - LYRICS-

मैं तो बैठ गई सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

पहली अवस्था बचपन आया गोदी में खेल रही
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

दूजी अवस्था आई जवानी मस्ती में डूब रही
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

तिजी अवस्था आया रे बुढ़ापा टीटी ने पकड़ लई
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

धर्मराज मेरा लेखा मांगे अब न बचने की
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

माला नहीं फेरी मैंने गुरु न बनाया कुंआ में पटक दयि
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में

सुन बरसाने वारी - Sun Barsane Vari - LYRICS-

सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी
तेरी पायलिया पे बाजे मुरलिया छम छम नाचे गिरधारी
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

चंदा से मुखड़े पे बड़ी बड़ी अंखियां कट लटके घुंघराली
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

बड़ी बड़ी आंखों में झीनों झीनो कजरा घायल कुंजबिहारी
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

वृंदावन का राजा होकर छाछ पे नाचे बिहारी
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

वृंदावन की कुंज गलिन में रास रचाए गिरधारी
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

कदम की दार पे झूला पड़ो है झोंटा देवे बनवारी
ग़ुलाम तेरी बनवारी
सुन बरसाने वारी ग़ुलाम तेरी बनवारी

Wednesday, January 13, 2021

बहू री मेरी गाड़ी आ गई - Bahu Ri Meri Gadi Aa Gayi - LYRICS-

बहू री मेरी गाड़ी आ गई सत्संग में जाऊंगी जरूर

बहू री नेक चाय बना दे सत्संग की कर दे आनेठ
सास तुम्हें दूध पिलाए दूं सत्संग में जाऊंगी जरूर

बहू नेक तातो पानी कर से सत्संग की कर दो एनेठ
सास तुम्हें उबट नहला दूं सत्संग में जाऊंगी जरूर

बहू नेक रोटी बना दे सत्संग की कर दो अनेथ
सास तुम्हें हलवा बना दूंसत्संग में जाऊंगी जरूर

बहू नेक खाट बिछा दे सत्संग की कर दो आनेथ
सास तुम्हारे पैर दबा दूं सत्संग में जाऊंगी जरूर

बहू नेक पीछे देखो दर पे तो आए भगवान
भक्त तुमने सेवा करी है दर्शन को आए भगवान

Tuesday, January 12, 2021

कब आओगे श्याम तुम - Kab Aaoge Shyam Tum - LYRICS-

कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

नंदबाबा तुम्हे पुकार रहे कान्हा वाट तुम्हारी देख रहे
क्या लाड़ लड़ान भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

मां यशोदा तुम्हें बुला रही कान्हा वाट तुम्हारी देख रही
क्या माखन चुराना भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

कान्हा ग्वाले तुमको बुला रहे वो वाट तुम्हारी देख रहे
क्या गेंद खेलना भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

कान्हा गायियां तुमको बुला रही को बाट तुम्हारी देख रही
क्या गाएं चराना भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

कान्हा गोपियां तुम्हें बुला रही को बाट तुम्हारी देख रही
क्या रास रचाना भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन 

कान्हा राधा तुम्हें बुला रही को बाट तुम्हारी देख रही
क्या बंसी बजाना भूल गए
कब आओगे श्याम तुम वृंदावन