पहली अवस्था बचपन आया गोदी में खेल रही
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में
दूजी अवस्था आई जवानी मस्ती में डूब रही
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में
तिजी अवस्था आया रे बुढ़ापा टीटी ने पकड़ लई
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में
धर्मराज मेरा लेखा मांगे अब न बचने की
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में
माला नहीं फेरी मैंने गुरु न बनाया कुंआ में पटक दयि
सतगुरु बिना टिकट गाड़ी में
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