भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना
मेरे पिता ने यज्ञ रचाया सबको बुलाया पर हमें ना बुलाया
जाएंगी जरूर मैने दिल में है ठाना, भूल गए...
बिना बुलाए जाते नहीं है जाते हैं तो मान पाने नहीं हैं
जाओगी तो पड़े न कहीं पछताना, भूल गए...
सब देवों के आसन लगे हैं मेरे पति का कोई आसन नहीं है, अग्नि में जलूंगी मैने में में है ठाना, भूल गए...
कैलाश पर्वत पे शोर हुआ गई भोले बाबा को बड़ा क्रोध
हुए है हले वहां से जैसे पवन समाना, भूल गए...
जहां जहां सती के अंग गिरे हैं वहां वहां सुंदर भवन बने हैं, चरणों में झुकता है सारा जमाना, भूल गए ...
नयन गिरे वहां नैना देवी मन गिरा वहां मनसा देवी
चिंतपूर्ण का देखो क्या है, नज़ारा भूल गए ...
जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना
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