Monday, February 1, 2021

बारह महीने मैया कहीं पे - Barah Mahine Maiya Kahin Pe - LYRICS-

बारह महीने मैया कहीं पे तू रहना
नौ दिन हमारे घर रहना हमारी मैया

जाऊं बजरिया मैया बिंदिया ले आऊं
जाऊं बजरिया मैया सिंदूर ले आऊं
बिंदिया के आऊं मैया सिंदूर ले आऊं
नौ दिन मांग सजाना हमारी मैया
नौ दिन माथा सजाना हमारी मैया

बारह महीने मैया कहीं पे तू रहना
नौ दिन हमारे घर रहना हमारी मैया

( इसी प्रकार से आगे कहना है )

Sunday, January 31, 2021

जब से सती ने छोड़ा - Jab Se Sati Ne Chhoda - LYRICS-

जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना
भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना

मेरे पिता ने यज्ञ रचाया सबको बुलाया पर हमें ना बुलाया
जाएंगी जरूर मैने दिल में है ठाना, भूल गए...

बिना बुलाए जाते नहीं है जाते हैं तो मान पाने नहीं हैं
जाओगी तो पड़े न कहीं पछताना, भूल गए...

सब देवों के आसन लगे हैं मेरे पति का कोई आसन नहीं है, अग्नि में जलूंगी मैने में में है ठाना,  भूल गए...

कैलाश पर्वत पे शोर हुआ गई भोले बाबा को बड़ा क्रोध
हुए है हले वहां से जैसे पवन समाना,  भूल गए...

जहां जहां सती के अंग गिरे हैं वहां वहां सुंदर भवन बने हैं, चरणों में झुकता है सारा जमाना, भूल गए ...

नयन गिरे वहां नैना देवी मन गिरा वहां मनसा देवी
चिंतपूर्ण का देखो क्या है, नज़ारा भूल गए ...
जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना

कृष्ण भजन - अब ना छिपाऊंगी - Ab Na Chupaungi - LYRICS-

अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी
ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी...

गोकुल में रहता है चीर चुराता है माखन चुराता है
चोरों का है सरदार मेरा कृष्ण कनहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी...

जमुना पे जाता है गेंद खेलता है नाग नथता है
नाग नथैया है मन एरा कृष्ण कानाहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी...

मधुवन को जाता है बंसी बजाता है रास रचात है
राधा से करता है प्यार मेरा कृष्ण कानहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी...

मथुरा को जाता है हाथी से लड़ता है, कंस पछाड़ा है
दुष्टों का करता संहार मेरा कृष्ण कनाहीया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी...

Friday, January 29, 2021

नस नस में भारी पीर (निर्गुण भजन) Nas Nas Me Bhari Peer - LYRICS-

 नस नस में भरी पीर सखी मेरो कैसे बखत कटेगो
मैंने पाई पाई जोड़ी बेटे को ब्याह करवायो
बहू आ गई बहू आ गई करियाधार 
मेरो कैसे बखत कटेगो

मैं आगे पीछे डोलूं वो मोहड़े से ना बोले
ना पूछे ना पूछे बात बुढ़ापे में
मेरो कैसे बखत कटेगो

मेरे चार चार बहू बेटा मेरे रोटी को भी टोटा
ना देवे ना देवें टूक बु ढापे में 
मेरो कैसे बखत कटेगो

मेरी राखी लाज काऊ ने मेरी पेंशन दई बंधवाई
रुपया को रुपया को के गए चोर
मेरो कैसे बखत कटेगो

मैं पेंशन ले के आयी बहू बेटा द्वार पे ठाडे
मां देदे मां दे दे कुनवे चार
मेरो कैसे बखत कटेगो

में सत्संग सुनने आयो बहनों से आई बतराई
तू लेले तू लेले हरि का नाम सखी 
तेरो ऐसे बखत कतेगो
नस नस में भरी पीर सखी मेरो कैसे बखत कटेगो


Wednesday, January 27, 2021

गुरु हमें भी बता दो - Guru Hame Bhi Bata Do - LYRICS-

गुरु हमें भी बता दो भगवान की गली
जहां छोटे बड़े सभी को जाना है वहीं
गुरु हमें भी बता दो भगवान की गली

यहां सोना चांदी माल खजाना तोलते रहे
जहां पाप पुण्य जायके तौलोगे वहीं
गुरु हमें भी बता दो भगवान की गली

यहां लड्डू पेडा दूध मलाई खाते रहे हम 
वहां यम की नार हम खाएंगे वहीं
गुरु हमें भी बता दो भगवान की गली

यहां जी भर के करी हमने चोरी चुगली
वहां जाके हिसाब बताएंगे सभी
गुरु हमें भी बता दो भगवान की गली

Tuesday, January 26, 2021

भटकता डोले काहे प्राणी - Bhatakta Dole Kahe Prani - LYRICS-

भटकता डोले काहे प्राणी चला आ प्रभु की तू शरण में बदल जाएगी  जिंदगानी।  भटकता डोले...

भटकता क्यों है मोह माया में  ये काया तेरी आनी जानी
भटकता डोले...

भटकना तेरा भक्ति पथ से तुझे प्रभु किरपा की है हानि
भटकता डोले...

भटकने वाले दुख पाते हैं अगर जीवन में हो नादानी
भटकता डोले...

करो नित प्रभु का सुमिरन रहे तेरे जीवन में खुशहाली
भटकता डोले...




Monday, January 25, 2021

लक्ष्मण की लागो वाण - Laxman Ke Lago Vaan - LYRICS-

लक्ष्मण के लागो वाण ओ वाण हनुमान संजीवन ले 
आयियों
तुम द्रोणागिरी पे जयियों और लौट शाम तक आ जइयों
और उदय न होने पाए हो पाये
हनुमान संजीवन ले आयियों

हम अवधपुरी को न जावे और काऊ ए मुख न दिखलावे
ये मन में ठानी बात हो बात
हनुमान संजीवन ले आयियों

हनुमान न दर लगाई है चल दिए समीर रघुराई है
द्रोणागिरी पहुंचे जाय हो जाय
हनुमान संजीवन ले आयियों

जब बूटी ढूंढ़ न पाई है तब पर्वत लियो उठाई है
रामादल पहुंचे जाय हो जाय
हनुमान संजीवन ले आयियों

लक्ष्मण को जियत निहारे हैं सेना में भाए जयकारे हैं
जय राम लखन हनुमान 
हनुमान संजीवन ले आए