Saturday, April 24, 2021

मैं ढूंढूं श्याम का द्वारा - Main Dhundhen Shyam Ka Dwara - LYRICS-

मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम सुदामा ने पुकारे
सुदामा ने पुकारे तेरे सखा ने पुकारा
बनाया महल कंचन का मेरे घर कब पढ़ारोगे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को अर्जुन ने पुकारा
अर्जुन ने पुकारा तेरे सखा ने पुकारा
सुनाया ज्ञान गीत का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मरली वाले तुमको मीरा ने पुकारा 
मीरा ने पुकारा तेरे भक्त ने पुकारा
बनाया जहर का अमृत मेरे घर कब पाधारोगे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को नरसी ने पुकारा 
नरसी ने पुकारा तुमको भक्त ने पुकारा
भारत भात रामा का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को द्रौपदी ने पुकारा
द्रौपदी ने पुकारा तेरी बहना ने पुकारा
बढ़ाया चीर साड़ी का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे





श्री यशुदा जी के लाल - Shree Jasudaji Ke Lal- LYRICS-

श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

गंगा जमुना दोऊ बहना जमुना दोऊ बहना
बेह रहीं एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

राम लखन दोऊ भैया लखन दोऊ भैया
वन गए एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

चंदा तारे दोऊ भैया तारे दोऊ भैया
छिप रहे एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

Thursday, April 22, 2021

हरे राम हरे सीताराम हरे - Hare Ram Hare Seetaram Hare - LYRICS-

हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैने गौ का दान पंडित को किया 
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने अन्न का दान पंडित को किया
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने गंगा यमुना त्रिवेणी नहाई
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने चारों धाम के दर्शन किए
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुए
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने बेटी का दान जमाई को दिया 
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने कर्तिक महीने तुलसा सींची
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने ग्यारस का कीर्तन कराया सखी
मैंने जोत जलाई और ध्यान धरा
तुलसा के पत्ते से भोग लगाया
फिर ग्यारस का व्रत मेरा सफल हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

राखो लाज hamari- Rakho Laaj Hamari- LYRICS-

राखौ लाज हमारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी
पहले पुजात थे बाप महतारी
अब पुज रही घरवारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी
राखौ लाज हमारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी

पहले पूजत थी बहन भानेज 
अब पुज़ रही है सारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी
राखौ लाज हमारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी

पहले  पुज त थे दई रे देवता
अब पूज रहीराखौ लाज हमारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी है कलारी ओ सतगुरु रखो लाज हमारी

Saturday, April 17, 2021

दिन नवरात्रों के आए - Din Navratron Ke Aaye- LYRICS-

दिन नवरात्रों के आए ओ मातारानी दर्शन दो ओ मातारानी दर्शन दो मातारनिए

तुम दुर्गा रूप में आना  कि शेर पे सबार हो के
मातारनिए

तुम काली रूप में आना कि चोला तुम्हें पहनाएंगे
मातारनिए

तुम सरस्वती रूप में आना कि ज्ञान विद्या साथ लेे के
मातारनिए

तुम लक्ष्मी रूप में आना कि अन्न धन साथ लेे के
मातारनिए

तुम किसी भी रूप में आना ओ मैया तुम्हें पहचान जाएंगे
मातारनिए

हिन्दी महीनों का महत्व - Hindi Maheenon Ka Mahatva

*प्रथम महीना चैत से गिन*
*राम जनम का जिसमें दिन।।*

*द्वितीय माह आया वैशाख।*
*वैसाखी पंचनद की साख।।*

*ज्येष्ठ मास को जान तीसरा।*
*अब तो जाड़ा सबको बिसरा।।*

*चौथा मास आया आषाढ़।*
*नदियों में आती है बाढ़।।*

*पांचवें सावन घेरे बदरी।*
*झूला झूलो गाओ कजरी।।*

*भादौ मास को जानो छठा।*
*कृष्ण जन्म की सुन्दर छटा।।*

*मास सातवां लगा कुंआर (आश्विन)।*
*दुर्गा पूजा की आई बहार।।*

*कार्तिक मास आठवां आए।*
*दीवाली के दीप जलाए।।*

*नवां महीना आया अगहन।*
*सीता बनीं राम की दुल्हन।।*

*पूस मास है क्रम में दस।*
*पीओ सब गन्ने का रस।।*

*ग्यारहवां मास माघ को गाओ।*
*समरसता का भाव जगाओ।।*

*मास बारहवां फाल्गुन आया।*
*साथ में होली के रंग लाया।।*

*बारह मास हुए अब पूरे।*
*छोड़ो न कोई काम अधूरे।।*

सभी साथियों को नव वर्ष विक्रमी संवत 2078 की हार्दिक मंगलकामनाएं।

Friday, April 16, 2021

अम्बे मां को मनाना है- Ambey Maa Ko Manana Hai- LYRICS-

अम्बे मां को मनाना है चाहे लोग बोलियां बोले

सास भी रोक ससुर भी रोक और रोक घरवाला 
छज्जे ऊपर कोठरी उसमे लगा दिया ताला
ताला तोड़ के जाऊंगी चाहे लोग बोलियां बोले
अम्बे मां को मनाना है चाहे लोग बोलियां बोले


(इसी प्रकार से आगे कहते हुए गाना है)