Wednesday, May 5, 2021

किस्मत में मेरी लिख दे - Kismat Me Meri Likh De - LYRICS-

किस्मत में मेरी लिख दे एक बात सांवरे
रहे जन्म जनम का तेरा  मेरा साथ सांवरे

परिवार मिले मुझे ऐसा जो तेरी महिमा गाए
औलाद मिले मुझे ऐसी जो तेरे भजन सुनाए
मुझे रोज सवेरे तेरा दीदार सांवरे
किस्मत में मेरी लिख दे एक बात सांवरे
रहे जन्म जनम का तेरा  मेरा साथ सांवरे


न सोना चांदी मांगूं न मांगून हीरा मोती
बस साथ रहे यूं ही अपना तू रहे हमेशा साथी
तू हाथ में अपने लेले मेरा हाथ सांवरे
किस्मत में मेरी लिख दे एक बात सांवरे
रहे जन्म जनम का तेरा  मेरा साथ सांवरे


हर ग्यारस खातून आऊं तेरे नए नए भजन सुनाऊं
करके दर्शन में तेरा तेरे चरणों में को जाऊं
भक्तों की पूरी कर से तू आस सांवरे
किस्मत में मेरी लिख दे एक बात सांवरे
रहे जन्म जनम का तेरा  मेरा साथ सांवरे

Sunday, May 2, 2021

मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना - Mene Baandh Liya Prem Vala Kangna - Lyrics-

मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना 
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना

मेरा मन पापी हरि पाप करना छोड़ दे 
सारी दुनिया से तोड़े तुझसे नाता जोड़ ले
यही मांग मेरी यही मांग मेरी यही मांग मेरी 
और कोई मांग न
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना
मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना 
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना


मेरा मन पापी प्रभु पावन तू कर दे 
दुनिया से नाता टुडे तुझसे जुड़े वर दे
तेरे रंग उपर तेरे रंग उपर तेरे रंग उपर चढ़े कोई रंग न
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना
मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना 
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना


हे मेरे श्याम प्रभु तेरा ही ने गुण गाउं
मैं तुझे मनाऊ तेरा ही गुण गाउं
तेरे सिवा प्रभु तेरे सिवा प्रभु तेरे सिवा प्रभु
कोई मेरे संग न 
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना
मैने बांध लिया प्रेम वाला कंगना 
आओ आओ हरि जी मेरे अंगना

राम रस पीले री - Ram Ras Peele Re - LYRICS-

राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी
अाई थी हरि भजन करन को भूल गई नादान
बतावें मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

मोह माया में फांसी बाबरी वो मकड़ी जैसा जाल
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

जिस घर में हो हरि की पूजा वहां बसें मेरे राम 
बताबे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

जिस घर में हो गुरु की सेवा वो घर तीरथ समान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

जिस घर में हो भागवत गीत वो घर बैकुंठ धाम
बताबे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

जिस घर में हो पतिव्रता नारी वह घर स्वर्ग समान
बताबे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

जिस घर में हो तुलसी की पूजा वो घर गंगा समान
ब ताबे मेरे गुरु ज्ञानी
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी

Sunday, April 25, 2021

ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा - Dhyaan Karoon Barambaar Guruji Tera - LYRICS-

ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया था मीराबाई ने जहर का अमृत बनाया
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया था नरसी भगत ने राम का भात भराया
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया द्रौपदी रानी ने सभा में चीर बढ़ाया
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया मोरध्वज राजा ने शीश पे आरा चलाया
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया था राजा हरिश्चंद्र ने घड़ा उचने आए
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

ध्यान किया था अर्जुन सखा ने ज्ञान सुनाने आए
गुरुजी तेरा ध्यान करूं
ध्यान करूं बारंबार गुरुजी तेरा ध्यान करूं

Saturday, April 24, 2021

मैं ढूंढूं श्याम का द्वारा - Main Dhundhen Shyam Ka Dwara - LYRICS-

मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम सुदामा ने पुकारे
सुदामा ने पुकारे तेरे सखा ने पुकारा
बनाया महल कंचन का मेरे घर कब पढ़ारोगे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को अर्जुन ने पुकारा
अर्जुन ने पुकारा तेरे सखा ने पुकारा
सुनाया ज्ञान गीत का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मरली वाले तुमको मीरा ने पुकारा 
मीरा ने पुकारा तेरे भक्त ने पुकारा
बनाया जहर का अमृत मेरे घर कब पाधारोगे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को नरसी ने पुकारा 
नरसी ने पुकारा तुमको भक्त ने पुकारा
भारत भात रामा का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे

मोहन मुरली वाले तुम को द्रौपदी ने पुकारा
द्रौपदी ने पुकारा तेरी बहना ने पुकारा
बढ़ाया चीर साड़ी का मेरे घर कब पधारो गे
मैं  ढूंढूं श्याम का द्वारा मेरे घर कब पधारोगे





श्री यशुदा जी के लाल - Shree Jasudaji Ke Lal- LYRICS-

श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

गंगा जमुना दोऊ बहना जमुना दोऊ बहना
बेह रहीं एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

राम लखन दोऊ भैया लखन दोऊ भैया
वन गए एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

चंदा तारे दोऊ भैया तारे दोऊ भैया
छिप रहे एक साथ रथ चढ़ मुरली बजावें
श्री जसुदा जी के लाल रथ चढ़ मुरली बजावें

Thursday, April 22, 2021

हरे राम हरे सीताराम हरे - Hare Ram Hare Seetaram Hare - LYRICS-

हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैने गौ का दान पंडित को किया 
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने अन्न का दान पंडित को किया
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने गंगा यमुना त्रिवेणी नहाई
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने चारों धाम के दर्शन किए
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुए
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने बेटी का दान जमाई को दिया 
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने कर्तिक महीने तुलसा सींची
सखी ग्यारस के बराबर वो भी न हुई
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे

मैंने ग्यारस का कीर्तन कराया सखी
मैंने जोत जलाई और ध्यान धरा
तुलसा के पत्ते से भोग लगाया
फिर ग्यारस का व्रत मेरा सफल हुआ
हरे राम हरे सीताराम हरे दुख भांजन दीनदयाल हरे