Friday, December 8, 2023

कोठी पे कोठी बनाई के - Kothi Pe Kothi Banay Ke - LYRICS -

कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया को बेटा रोवे, रोवै खाट बिछाए के 
मेरी बुढ़िया ...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया की बहुएं रोवै, रोवें विक्स लगाए के 
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया की बेटी रोवै, रोवै रूदन मचल के
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया के पोते रोवै, रोबैं कफन udhay के
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया को बुड्ढा रोवै, रोवै सिंदूर लगाए के
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया को भैया रोवै, रोवै चुनार udhay के
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के

जब बुढ़िया की सखियां रोवै, रोवै गाय बजाय के
मेरी बुढ़िया...
कोठी पे कोठी बनाई के मेरी बुढ़िया मारी गम खाय के


Sunday, November 19, 2023

यूपी में योगी को राज - UP Me Yogi Ko Raj - LYRICS -

यूपी में योगी को राज re भतैया समर भात ले अयियो

चोर उचक्के भैया मेरे मत लईयो, 
हर चौराहे पे पुलिस मिलेगी मेरे भैया, समर भात ले...
यूपी में...

दारूबाज भैया मेरे मत लाइयो
यहां ठेका है गए बंद re भतैया, समर भात ले...
यूपी में योगी...

मांस मछली भैया मेरे मत लाइयो,
कटखाने है गए बंद re भतैया, समर भात ले...
यूपी में योगी...

भैया भतीजे ले के आयियो भाभी मेरी ले के आइओ
मेरो आय के मान बढ़ाइयो re भतैया, समर भात ले...
यूपी में योगी को राज...

Thursday, October 12, 2023

बिगड़े बिगड़े रे सजनवा हमार - Bigde Bigde Re Sajanva Hamaar - LYRICS -

बिगड़े बिगड़े रे सजनवा हमार ससुलिया तेरे लाड़ प्यार में

रोटी सब्जी हमने बनाई एक कौर न खाई, 
खावे खावे रे होटल में पिज्जा चार,
ससुलिया तेरे...     बिगड़े बिगड़े ....

चाय कॉफी हमने बनाई एक घूंट नहीं पीयो
पीवे पीवें रे होटल में बोतल चार
सासुलिया तेरे...      बिगड़े बिगड़े...

घर को खर्चा हमने मांगो एक रुपया न दीनो 
देखे देखे रे फिल्म दिन रात
सासुलिया तेरे ...      बिगड़े बिगड़े...




Tuesday, October 10, 2023

सैयां संग नहीं है गुजारा - Saiyaan Sang Nahi Hai Guzara - LYRICS -

सैयां संग नहीं है गुजारा बलम आवारा निकल गए

सुंदर सूरतिया पे पापा लुभाए नहीं देखा घर और घराना
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...

बातें करें राजा लाखों करोड़ों की, अठन्नी का नहीं है सहारा
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...

अपने को समझें वो डिप्टी  कलेक्टर, पढ़े लिखे हैं आवारा
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...

खेती किसानी उनके मन ही न भावें, गलियों में घूमें आवारा
बलम आवारा निकल गए सैयां संग नहीं है गुजारा...

Thursday, October 5, 2023

खींचे खींचे रे दु: शासन मेरो चीर - Kheenche Kheenche Re dushashan mero cheer - LYRICS -

खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी

हस्तिनापुर में जाकर देखो महफिल हो गयो भारी
कौरव पांडव सभा बीच में खड़ी द्रौपदी नारी
उनके नैनो से बरसे नीर अरज सुनो बनवारी
खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी

पांचों पांडव ऐसे बैठे जैसे अबला नारी, 
द्रौपदी अपने मन में सोचे दुर्गति हुई हमारी
नहीं धीर धरैया कोई वीर अरज सुनो बनवारी 
खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी
वो दिन याद करो kanahiya उंगली कटी तुम्हारी
दोनों हाथों पट्टी बांधी चीर के अपनी साड़ी
आ गई आ गई रे कनाहिया तेरी याद अरज सुनो बनवारी
खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी

राधा छोड़ी रुकमिन छोड़ी छोड़ी गरुण सवारी
नंगे पांव कनाहियां आए ऐसे प्रेम पुजारी
बच गई बच गई रे द्रौपदी की लाज अरज सुनो बनवारी
खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी

खींच के चीर दुशासन हारो हार गयो बलधारी
दुर्योधन की सभा बीच में चकित भाए नर नारी 
बढ़ गयो बढ़ गयो रे हजारों गज चीर अरज सुनो बनवारी 
खींचे खींचे रे दुशासन मेरो चीर अरज सुनो बनवारी

पजारो पढ़ के न आयो - Pajaro Padh ke n Aayo - LYRICS -

पजारो पढ़ के न आयो घर के तो है गए हिस्सा बांट
जेठ को मिल गए कमरा चार, देवर को मिल गईं बैठक चार
पजारे को मिली है झुपड़िया, बाऊ में छप्पर हथ नाय
पजारो पढ़...

जेठ को मिल गयो तमेड़ा देवर को मिल गए कलशा चार
पजारे को मिली है चमाचिया बाऊ में डंडी हथ नाय
पजारो पढ़...

जेठ को मिली है रजैया देवर को मिल गए कंबल चार
पजारे को मिली है गुदड़ी बाऊ में डोरा हथ नाय
पजारो पढ़...

जेठ को मिलो है डोकरा देवर को मिल गई बूढ़ी मां
पजारे को मिली है बहनिया बाऊ को गौनो भयो नाय
पजारो पढ़...

जेठ को खांसे डोकरा देवर की मार गई बूढ़ी मां
पजारे की भज गई बहनिया काऊ दरोगा के संग
पजारो पढ़ ...

Wednesday, October 4, 2023

जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे - Jua Hastinapur Me Khel rahe- LYRICS -

जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे कुंती के पांचों बेटा
कुंती के पांचों बेटा कुंती के पांचों बेटा
जुआ ...

पहली चाल चली शकुनि ने, वो तो बाग बगीचे हार गए
कुंती के चारों बेटा, जुआ हस्तिनापुर...

दूजी चाल चली शकुनि ने, वो तो ताल तलैया हार गए
कुंती के पांचों बेटा, जुआ हस्तिनापुर...

तीजी चाल चली शकुनि ने, वो तो महल अटारी हारे re
कुंती के पांचों  बेटा, जुआ हस्तिनापुर...

चौथी चाल चली शकुनि ने, वो तो राज पाट भी हारे re
कुंती के पांचों बेटा, जुआ हस्तिनापुर...

पांचवीं चाल चली शकुनि ने वो तो नार द्रौपदी हारे re
कुंती के पांचों बेटा, जुआ हस्तिनापुर...

छठवीं चाल चली कान्हा ने, अरे द्रौपदी का चीयर बढ़ाया re
 कुंती के पांचों बेटा, जुआ हस्तिनापुर...