Wednesday, June 23, 2021

आने से मिलते न जाने से - Aane Se Milte N Jaane Se - LYRICS-

आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से

गंगा नहाने से मिलते न धोने से नहीं मिलते हैं सरयू नहाने से  गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से


मंदिर में मिलते न मस्जिद में नहीं मिलते हैं चारों धाम जाने से  गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से


रामायण में मिलते न गीत में नहीं मिलते हैं पन्ना पलटने से   गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से

Monday, June 21, 2021

जच्चा ने बच्चा जायो - Jachcha Ne Bachcha Jayo - LYRICS-

जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी
ए जी कोई राजा को हम्ब कोई राजा को देओ बुलवाए
जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी

मैंने सासू बुलाईं अाई नहीं मैंने जिठनी बुलाई अाई नहीं।  अपने पीहर से मम्मी बुलवाए लो जी
ए जी कोई चरूए लेऊं धरवाए

अपने पीहर से भाभी बुलवाए लूं जी
ए जी कोई सोंठे लेउं कुट वाय
जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी

(इसी तरह से आगे भी गाना है)

सखी री कर लो व्रत - Sakhi Ri Kar Lo Vrat - LYRICS-

सखी री कर लो व्रत ग्यारस का हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें गाय मिलेगी, सखी री कर लो गौ का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें कन्या मिलेगी सखी री कर लो कन्या दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें कांटे लगेंगे सखी री कर लो जूता दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें प्यास लगेगी सखी री कर लो जल का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें भूख लगेगी सखी री कर लो अन्न का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें गर्मी लगेगी सखी री कर लो पंखा दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें बारिश मिलेगी सखी री कर लो छाता दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें सर्दी लगेगी सखी री कर लो कम्बल दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

दिन दुखी की सेवा करियो दया भाव हृदय में रखियो
अरे तुझे मिल जाए मुक्ति दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

Thursday, June 17, 2021

नर तू अंत समय पछतवेगो - Nar Tu Ant Samay pachhtavego - LYRICS-

नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
गोविंद के गुण गा लेे तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

पहले जन्म तू गधा बनेगी काऊ कुम्हड़ा के हाथ लागेगो
तू तो लाद लाद के में जावेगी तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

दूजे जन्म तू बैल बनेगो काऊ तेली के हाथ लगेगो
वो तो तोय कोल्हू में चलवावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

तीजे जन्म तू बंदर बनेगा काऊ मदारी के हाथ लगेगी
नर तू नाच नाच के मर जावगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

चौथे जन्म तू सर्प बनेगो काऊ सपेरे के हाथ लागेगो
वो तो तो य दलिया में दुबका वेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

Monday, June 14, 2021

सब कहते है राधा राधा - Sab Kehte Hai Radha Radha - LYRICS-

सब कहते हैं राधा राधा गाते है भजन आधा आधा

श्रवण ने छोड़ा राज पाट मां बाप की सेवा करने को
डोली में बिठाए मात पिता कंधे पे वजन आधा आधा
सब कहते हैं राधा राधा गाते है भजन आधा आधा

मां बाप ने कितने जतन किए परिवार रहे मेरा मिल जुल के, भाई से भाई लड़ बैठे परिवार किया आधा आधा
सब कहते हैं राधा राधा गाते है भजन आधा आधा

मंदिर में घंटा बजा रहे मस्जिद में अल्लाह बोल रहे
मंदिर मस्जिद को तुड़वा के भगवान किया आधा आधा
सब कहते हैं राधा राधा गाते है भजन आधा आधा

सांवरे पिया मेरी रंग दे - Saanvre Piya Meri Rang DE - LYRICS-

सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया
राधा के पिया मेरी रंग दे चुनरिया

ऐसी रंग रंगियो जो कभू न छूटे
धोबिनिया धोबे चाहे सारी उमरिया
सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया

लाल न रांगियो हरी भी न रंगीयो
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया
सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया

चुनरी ओढ़ बागों में गई थी
सांवरे की लग गई मुझको नजरिया
सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया

वैध न बुलाऊंगी दवाई भी न खाऊंगी
सांवरे पिया मुझपे डाल दो नजरिया
सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया

उंगली पकड़ जाने पौंचा पकड़ो
सांवरे ने झार दयि राधा की नजरिया
सांवरे पिया मेरी रंग दे चुनरिया

Saturday, June 12, 2021

करो चाहे लाख चतुराई - Karo Chahe Lakh Chaturaai - LYRICS-

करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है

बना एक कांच का मंदिर उसी में भगवान रहते हैं
लिए हैं पेन और कागज सभी की तकदीर लिखते हैं
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है

लड़कपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया
बुढ़ापा देखकर रोया   उसी घर सबको जाना है
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है

वो टूटी आम से डाली रोया बाग़ का माली
बगीचा हो गया खाली   उसी घर सबको जाना है
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है

पलंग के चार हैं पाए विधाता लेने को आए
खुशी से लेे चलो भाई रोएंगे बहन और भाई 
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है