Saturday, June 26, 2021

वृंदावन जाने को जी चाहता है - Vrindavan Jaane Ko Jee Chahta Hai - LYRICS-

वृंदावन जाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के काले काले बाल हैं
चोटी बनाने को जी चाहता है
जूडा बनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के मोए मोटे नैन हैं 
काजल लगाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के पतले होंठ हैं
लाली लगाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के छोटे छोटे हाथ हैं
कंगना पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा के छोटे छोटे पैर हैं
घुंघरू पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

मैया तेरे कान्हा का श्यामल सा अंग है
पीताम्बर पहनाने को जी चाहता है
कान्हा से मिलने को जी चाहता है

अरे नर काहे पे करत गुमान - Are Nar Kaahe Pe Karat Gumaan - LYRICS-

अरे नर काहे पे करत गुमान 
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भए अर्जुन वाणाधारी रथ को हांक रहे बनवारी
अरे उनके खाली न जाएं वाण
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भयो रावण सो ये बलवंत जिसकी सारी सोने की लंका 
कर दिए देवन के अपमान
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

भए पितामह भीष्म बलशाली जाके मौत पास नहीं आती
अरे तीरन पे करें विश्राम
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

वो बाली भयो बलशाली किस्किंधा राज वाको भारी
अरे वाय मारें प्रभु श्री राम
कोई नहीं अमर रहओ दुनियां में

Thursday, June 24, 2021

कान्हा तू गोकुल जइयो - Kanha Tu Gokul Jaiyo - LYRICS-

कान्हा तू गोकुल कुं चलो जइयो वहां से दहिया लईयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे


कान्हा मथुरा कुं चली जईयो वहां से पेडा लियो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे


कान्हा वृंदावन चलो जइयो वहां से माखन लाईयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे

कान्हा तू दाऊजी चलो जइयो वहां से मिश्री लाइयो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे

कान्हा गोवर्धन चलो जइयो वहां से माला लियो रे
राधा में तो बैठ गया सत्संग में दहिया भूल आयो रे
कान्हा तू तो जीभ को रसीलो मन को बहुत ही कारो रे

Wednesday, June 23, 2021

आने से मिलते न जाने से - Aane Se Milte N Jaane Se - LYRICS-

आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से

गंगा नहाने से मिलते न धोने से नहीं मिलते हैं सरयू नहाने से  गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से


मंदिर में मिलते न मस्जिद में नहीं मिलते हैं चारों धाम जाने से  गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से


रामायण में मिलते न गीत में नहीं मिलते हैं पन्ना पलटने से   गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से
आने से मिलते न जाने से गुरु मिलते हैं दिल को लगाने से

Monday, June 21, 2021

जच्चा ने बच्चा जायो - Jachcha Ne Bachcha Jayo - LYRICS-

जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी
ए जी कोई राजा को हम्ब कोई राजा को देओ बुलवाए
जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी

मैंने सासू बुलाईं अाई नहीं मैंने जिठनी बुलाई अाई नहीं।  अपने पीहर से मम्मी बुलवाए लो जी
ए जी कोई चरूए लेऊं धरवाए

अपने पीहर से भाभी बुलवाए लूं जी
ए जी कोई सोंठे लेउं कुट वाय
जच्चा ने बच्चा जायो अस्पताल में जी

(इसी तरह से आगे भी गाना है)

सखी री कर लो व्रत - Sakhi Ri Kar Lo Vrat - LYRICS-

सखी री कर लो व्रत ग्यारस का हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें गाय मिलेगी, सखी री कर लो गौ का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें कन्या मिलेगी सखी री कर लो कन्या दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें कांटे लगेंगे सखी री कर लो जूता दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें प्यास लगेगी सखी री कर लो जल का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें भूख लगेगी सखी री कर लो अन्न का दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें गर्मी लगेगी सखी री कर लो पंखा दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें बारिश मिलेगी सखी री कर लो छाता दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

रास्ते में तुम्हें सर्दी लगेगी सखी री कर लो कम्बल दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

दिन दुखी की सेवा करियो दया भाव हृदय में रखियो
अरे तुझे मिल जाए मुक्ति दान
हरि का मिलना  मुश्किल है

Thursday, June 17, 2021

नर तू अंत समय पछतवेगो - Nar Tu Ant Samay pachhtavego - LYRICS-

नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
गोविंद के गुण गा लेे तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

पहले जन्म तू गधा बनेगी काऊ कुम्हड़ा के हाथ लागेगो
तू तो लाद लाद के में जावेगी तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

दूजे जन्म तू बैल बनेगो काऊ तेली के हाथ लगेगो
वो तो तोय कोल्हू में चलवावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

तीजे जन्म तू बंदर बनेगा काऊ मदारी के हाथ लगेगी
नर तू नाच नाच के मर जावगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे

चौथे जन्म तू सर्प बनेगो काऊ सपेरे के हाथ लागेगो
वो तो तो य दलिया में दुबका वेगो तू गोविंद के गुण गा लेे
नर तू अंत समय पछतावेगो तू गोविंद के गुण गा लेे