Monday, November 22, 2021

तूने कैसा बनाया इंसान - Tune Kaisa Banaya Insaan - LYRICS-

तूने कैसा बनाया इंसान रे, मुझे ये तो बता दो भगवान re

कोई पीता है कोकाकोला पेप्सी, कोई पानी से करता गुजारा
कोई प्यासा ही सड़कों पे डोले re मुझे ये तो बता दो भगवान re
तूने कैसा बनाया इंसान रे, मुझे ये तो बता दो भगवान re

कोई खाता है पूड़ी कचौड़ी, कोई रोटी में करता गुजारा
कोई भूखा ही सड़कों पे डोले re मुझे ये तो बता दो भगवान re
तूने कैसा बनाया इंसान रे, मुझे ये तो बता दो भगवान re

कोई सोता है मखमल के गद्दे कोई खटिया पे करता गुजारा
कोई नंगा ही सड़कों पे सोवे re मुझे ये तो बता दो भगवान re
तूने कैसा बनाया इंसान रे, मुझे ये तो बता दो भगवान re

होता है कीर्तन सुहाना - Hota Hai Kirtan Suhana - LYRICS-

होता है कीर्तन सुहाना सब कीर्तन में आना
कीर्तन में आना बहनों कीर्तन में आना
करना न कोई बहाना सब कीर्तन में आना

कीर्तन में  मिलती है आत्मा की शांति ज्ञान का मिलता खजाना
सब कीर्तन में आना

कीर्तन का प्याला पिए जो भी प्राणी, भक्ति का प्याला पिए जो भी प्राणी, हो प्रभु का दीवाना
सब कीर्तन में आना

कीर्तन से तरते हैं लाखों ही प्राणी, पा लो मुक्ति का ठिकाना
सब कीर्तन में आना 

मेरा छोटा सा परिवार - Mera Chhota Sa Parivaar - LYRICS-

मेरा छोटा सा परिवार देख मत डर जइयो भातैया

जितने पत्ते पीपल में भतैया, मेरे उतने ही देवर जेठ
देख मत डर जइयो भातैया

जितने पत्ते तुलसी में भातैया, मेरी उतनी देवरानी जेठानी
देख मत डर जइयो भातैया

जितने मोती माला में भतैया, मेरी उतनी फूफस ननद
देख मत डर जइयो भातैया

जितने तारे अंबर में भातैया, मेरे उतने बाल गोपाल
देख मत डर जइयो भातैया

Sunday, November 7, 2021

बेटा पांच भाई मैने श्री हरि के गुण गाए - Beta Paanch Bhaye Maine Shree Hari Ke Gun Gaye - LYRICS-

बेटा पांच भाई मैने श्री हरि के गुण गाए

पहला व्रत मैने करो गंगा को गंगाराम भये
मैने श्री हरि के गुण गाए

दूजा व्रत मैने करो जमुना को जमुन्नदास भए
मैने श्री हरि के गुण गाए

तीजा व्रत मैने करो सूरज को सूरजपाल भए
मैने श्री हरि के गुण गाए

चौथो व्रत मैने करो चंदा को चंद्रपाल भए
मैने श्री हरि के गुण गाए

पांचों व्रत मैने करो इंद्र को इंद्रपाल भए
मैने श्री हरि के गुण गाए

गौरा सारी दुनिया मनावे तेरे लाल को - Gaura Sari Duniyaa Manave Tere Lal Ko - LYRICS-

गौरा सारी दुनिया मानव तेरे लाल को, मानव तेरे लाल को 
पूजे तेरे लाल को  गौरा सारी...

इनको मनाने ब्रह्मा जी आए ब्रह्मा जी आए संग ब्रह्ममणि को लाए, वेदों के रचैया मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

इनको मनाने विष्णु जी आए, विष्णु जी आए संग लक्ष्मी जी
को लाए, शंख के बजैया मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

इनको मनाने राम जी आए, राम जी आए संग सीता जी को लाए, चाप के चढ़िया मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

इनको मनाने भोले जी आए, भोले जी आए संग आपको भी
लाए, डमरू के बजैय्या मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

इनको मनाने कान्हा जी आए, कान्हा जी आए संग राधाजी को लाए, वंसी के बजैय्या मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

इनको मनाने सतगुरु जी आए, सतगुरु आए संग भक्तों को लाए, ज्ञान के बतैय मैया पूजे तेरे लाल को
गौरा सारी...

गंगा नहाने जाऊंगी हरिद्वार - Ganga Nahane Jaaungi Haridwar - LYRICS-

गंगा नहाने जाऊंगी हरिद्वार घुमा ला ओ भोले

हरिद्वार में टीका बिके मोए बिंदिया मांगा दे ओ भोले
गंगा नहाने जाऊंगी हरिद्वार घुमा ला ओ भोले

हरिद्वार में झाले बिके मोए नथनी मांगा दे ओ भोले
गंगा नहाने जाऊंगी हरिद्वार घुमा ला ओ भोले

हरिद्वार में हरवा बिके मोए माला मांगा दे ओ भोले
गंगा नहाने जाऊंगी हरिद्वार घुमा ला ओ भोले



इसी प्रकार आगे कहते जाना है -

Tuesday, October 19, 2021

Sharad Purnima- शरद पूर्णिमा - एक विशेष जानकारी

*🌕शरद पूर्णिमा🌕*
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🌏     वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन, मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं।

🌏    शरद पूर्णिमा का एक नाम *कोजागरी पूर्णिमा* भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं- कौन जाग रहा है? अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है। 

🌓      एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और आश्विन नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है। 

🌎    केवल शरद पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी। चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा को अमृत बरसता है।

🌏    आयुर्वेदाचार्य वर्ष भर इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है।

🌓   चंद्रमा को वेदं-पुराणों में मन के समान माना गया है- *चंद्रमा मनसो जात:।* वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है। 

🌏   ब्रह्मपुराण के अनुसार- सोम या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा।

🌏   शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है। 

🌓    लेकिन इस खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है।

🌏   शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा। इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं। 

🌏   कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महारास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा आरंभ कर दी।

🌓  गुजरात में शरद पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं और गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।

🌏   ओडिशा में शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था। गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं। 

🌏   शरद पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है। शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है।
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