Thursday, January 7, 2021

हम तेरे चरणों की धूल - Ham Tere Charnon Ki Dhul - LYRICS-

हम तेरे चरणों की धूल गुरुजी

जब गुरुजी मेरे सड़कों पे उतरे उड़ गई सड़कों की धूल
गुरुजी,   हम तेरे चरणों की धूल गुरुजी


जब गुरुजी मेरे बागों में पहुंचे खिल गए बागों के फूल
गुरुजी,   हम तेरे चरणों की धूल गुरुजी


जब गुरुजी मेरे तालों पे आए सूखे ताल भर आए गुरुजी
हम तेरे चरणों की धूल गुरुजी

जब गुरुजी मेरे भंडारे में आए अमृत बन गई खीर गुरुजी
हम तेरे चरणों की धूल गुरुजी

Wednesday, January 6, 2021

तुलसा कर आईं चारों धाम - Tulsa Kar Aai Chaaron Dham - LYRICS-

 तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम
 
पहले विश्राम वाने हरिद्वार में लियो जहां पर हरि करें स्नान तुलसा वहां लेगी विश्राम
तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम

दूजो विश्राम वाने गोवर्धन में लियो जहां पर कान्हा
गिरवर उठाए तुलसा वहां लेगी विश्राम
तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम

तीजो विश्राम वाने बंसिवट पे लियो जहां पर कान्हा बंसी बजाएं तुलसा वहां लेगी विश्राम
तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम

चौथा विश्राम वाने मधुवन में लियो जहां पर कान्हा रास रचाए तुलसा वहां लेगी विश्राम
तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम

पांचवां विश्राम वाने वृंदावन में लियो वहां पे मिल गए 
सालिग्राम तुलसा वहां लेगी विश्राम
तुलसा कर आईं चारों धाम जाने कहां लेगी विश्राम

Tuesday, January 5, 2021

धरती से गगन तक ढूंढा - Dharti Se Gagan Tak Dhoondha - LYRICS-

धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया

गंगा में ढूंढा यमुना में ढूंढा ढूंढा सरयू के तीर रे
मेरा श्याम न जाने किधर गया

चंदा में ढूंढा सूरज में ढूंढा ढूंढा तारों के बीच रे
मेरा श्याम न जाने किधर गया

मंदिर में ढूंढा गुरुद्वारे में ढूंढा ढूंढा चारो धाम रे
मेरा श्याम न जाने किधर गया

मथुरा में ढूंढा गोकुल में ढूंढा ढूंढा गोकुल नगरिया रे
मेरा श्याम न जाने किधर गया

ऋषियों ने से ढूंढा सतगुरु में ढूंढा ढूंढा सारे भक्तों में
मेरा श्याम न जाने किधर गया

Monday, January 4, 2021

सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए - Suhagan Ko N Kuchh Chahiye - LYRICS-

सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिए

कोई मांगे सोना कोई चांदी मां कोई चांदी मां
न सोना न चांदी न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
मां मांग का सिंदूर अमर चाहिए अमर चाहिए
सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिए

कोई मांगे बंगला कोई गाड़ी मां कोई गाड़ी मां 
कोई मांगे दौलत कोई शोहरत मां कोई शोहरत मां
न बंगला न गाड़ी न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
मां जीवन का साथी अमर चाहिए अमर चाहिए
सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिए

कोई मांगे महल दुमहला ओ मां  दूमहला ओ मां
कोई मांगे आभूषण गहना ओ मां गहना ओ मां
न महल दुमहला न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिये
सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिए


कोई मांगे बेटी कोई बेटा मां कोई बेटा मां
बेटी और बेटा चाहिए सारा परिवार सुखी चाहिए 
सुखी चाहिए
सुहागन हूं सुहागन को न कुछ चाहिए न कुछ चाहिए
पति की मां लंबी उम्र चाहिए उमर चाहिए

Sunday, January 3, 2021

मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा - Mitti Ka Khilona Mitti Me Mil Jayega -LYRICS

माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
मान मेरा कहना बड़ा पछताएगा
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

क्या कहता है बेटा बेटा किसी दिन ये बेटा बहू का हो जाएगा,    मान मेरा कहना बड़ा पछताएगा
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

क्या कहता है बहू बहू किसी दीन बहू ये पड़ोसन बन 
जाएगी,    मान मेरा कहना बड़ा पछताएगा
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

क्या कहता है बेटी बेटी आएंगे जमाई बेटी को के जाएंगे
मान मेरा कहना बड़ा पछताएगा
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

क्या करता है कोठी बंगले सब कुछ यहीं पड़ा रह जाएगा
मान मेरा कहना बड़ा पछताएगा
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

Saturday, January 2, 2021

आनंद छायो जनक नगरिया - Anand Chhayo Janak Nagariya - LYRICS-

आनंद छायो जनक नगरिया कैसे सपरी
कैसे सप्री ओ रामा कैसे सापरी

सीता बेटी भाई सयानी राजा को चिंता भारी 
देश देश में खबर भेज दी भूप जुरे आती भारी
सुनके राजा की खबरिया कैसे सपरि
आनंद छायो जनक नगरिया कैसे सपरी

भरी सभा में राजाजी ने ऐसा वचन सुनायो
जो कोई धनुष तोड़ दे मेरी होय वीर को जायो
सब गई रावण की उंगलियां कैसे सप री
आनंद छायो जनक नगरिया कैसे सपरी

गुरु की आज्ञा मान राम ने लीनो धनुष उठाई
तोड़ो धनुष राम ने पल में सीताजी मुसकाई
लड़ गई नैनों से नजरिया  कैसे सप्रि
आनंद छायो जनक नगरिया कैसे सपरी

लेके माला सीताजी ने गले राम के डाली
सारे देव फूल बरसावें खुशी हुए नार नारी
पड़ गईं राम से भंवरिया कैसे सपरी
आनंद छायो जनक नगरिया कैसे सपरी



Friday, January 1, 2021

गुरुजी मुझे इतना देदो ज्ञान - Guruji Mujhe Itna Dedo Gyan - LYRICS-

गुरुजी मुझे इतना देदो ज्ञान मेरा मन भक्ति में न लगता

पहला ज्ञान मेरी आंखों में देना गुरुजी मेरी आंख हुई शैतान,     मेरा मन भक्ति में न लगता

दूजा ज्ञान मेरे कानी को देना ये न सुनते तेरा ज्ञान
मेरा मन भक्ति में न लगता

टीका ज्ञान मेरी जिहव्या को देना गुरुजी ये न करती तेरा
सुमिरन,    मेरा मन भक्ति में न लगता

चौथा ज्ञान मेरे हाथों को देना गुरुजी ये न करते दान
मेरा मन भक्ति में न लगता

पांचवां ज्ञान मेरे पैरों को देना गुरु ये न आते तेरे दरबार
मेरा मन भक्ति में न लगता