पांच पति की द्रौपदी नारी, गर्व में फूली नहीं समाती
जुए में दांव लगायो, जगत में....
राजा हरिश्चंद्र तारा रानी, डोम के घर भरते पानी
समय ने रंग दिखाया, जगत में....
बीस भुजा जाको नाम दशानन, वश में कर लिया
शिव चतुरानान,फिर भी शीश कटायो,जगत में....
जनकपुरी की raajdulaari, अवधपुरी की बनी बहुरानी
वन ने समय बिताया, जगत में....
सूखी वाहिहैजगमे भैया, दूजा नहीं है कोई खिवैया
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