ऐसी मड़ैया सब काऊ की होए
ऋषिकेश जैसो आंगन होवे, हरिद्वार दरवाजा होवे
लहर लहर गंगा होए
मड़ैया मेरी ऐसी छाबैयो घनश्याम
ऐसी मड़ैया सब काऊ की होए
बेला होए चमेली होए दौना को एक मरुओ होवे
लहर लहर तुलसा होए
मड़ैया मेरी ऐसी छाबैयो घनश्याम
ऐसी मड़ैया सब काऊ की होए
राधेश्याम को मंदिर होवे, भोलेनाथ को मंदिर होवे,
जगदम्बा को मंदिर होवे, सीता राम को मंदिर होवे,
पूजा करूं सुबह शाम
ऋषि मुनि मेरे आंगन आवैं, सतगुरु जी मेरे आंगन आवैं
ऋषि मुनि की वाणी होवे, सतगुरु जी की संगत होवे
सत्संगत मेरे आंगन होवे सत्संग सुनूं में सुबह शाम
मड़ैया मेरी ऐसी छाबैयो घनश्याम
ऐसी मड़ैया सब काऊ की होए
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